पिछले दो दिनों में भले ही संक्रमण के मामले 4 लाख से कम आए हैं, लेकिन हालात बेहतर नहीं हैं। यदि देश के 734 ज़िलों में से 533 ज़िलों में संक्रमण ख़तरनाक स्तर की तेज़ी से फैल रहा हो तो हालात बेहद गंभीर ही होंगे। देश के 533 ज़िलों में पॉजिटिविटी रेट 10 से ज़्यादा है।
कोरोना को रोकने का सरकारी प्रयास किस स्तर का है? सबसे ज़्यादा प्रभावित 306 ज़िलों में संक्रमण की स्थिति ख़तरनाक स्तर की है, लेकिन इनमें से अधिकतर ज़िलों में कोरोना वैक्सीनेशन धीमा पड़ गया है।
एक तरफ़ कोरोना टीकों की कमी है तो दूसरी तरफ हर कोई लगवा सकता है और टीके की क़ीमत तय नहीं है। सरकार मुफ्त में किन लोगों को लगवाएगी, यह भी तय नहीं हुआ है, काम शुरू होना तो छोड़िए। आख़िर टीकाकरण की नीति क्या है?
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि राजधानी में 18 साल से ज़्यादा की उम्र के हर व्यक्ति को कोरोना टीका लगाया जाएगा और वह भी मुफ़्त। सरकार ने इसे देखते हुए एक करोड़ 34 लाख ख़ुराकों का ऑर्डर भी दे दिया है।
देश में बेकाबू हुए कोरोना संक्रमण के बीच अब टीका लगाने के इच्छुक 18 साल से ऊपर के सभी लोगों के लिए अच्छी ख़बर है। 1 मई से जो टीकाकरण शुरू होने वाला है उसके लिए अब इसी शनिवार से यानी 24 अप्रैल से पंजीकरण कराया जा सकता है।
ऐसे समय जब देश में रोज़ाना कोरोना संक्रमण के नए मामलों में काफी तेजी से बढ़ोतरी हो रही है, सरकार ने इसके रोकथाम की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए 18 साल से ऊपर के सभी लोगों को कोरोना टीका देने का फ़ैसला किया है।
सरकार ने अब विदेशी वैक्सीन को आपात इस्तेमाल के लिए मंजूरी देने की प्रक्रिया में तेज़ी लाने का फ़ैसला लिया है। सरकार की ओर से यह बयान तब आया है जब आज ही रिपोर्ट आई है कि रूस की कोरोना वैक्सीन स्पूतनिक-V को मंजूरी दी गई है।
देश में कोरोना वैक्सीन के कम पड़ने के आरोपों-प्रत्यारोपों के बीच महाराष्ट्र ने कहा है कि 26 टीकाकरण केंद्र बंद करने पड़े हैं। उसने कहा है कि राज्य सरकार केंद्र से कोरोना के टीके की खेप का इंतज़ार कर रही है।
देश में कोरोना वैक्सीन की कमी है या नहीं? महाराष्ट्र के मुंबई, पुणे, सतारा और पनवेल क्षेत्र में कोरोना वैक्सीन कम पड़ने की वजह से टीकाकरण केंद्रों को बंद करना पड़ा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार सुबह कोरोना वैक्सीन की दूसरी खुराक दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानी एम्स में लगवा ली। उन्होंने पहली खुराक 1 मार्च को एम्स में ही लगवाई थी।
कोरोना टीका के लिए स्वास्थ्य कर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स का पंजीकरण अब नहीं किया जाएगा। केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इसको तुरत लागू करने के लिए निर्देश जारी किए हैं।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और दवा बनाने वाली कंपनी एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित की गई वैक्सीन को लेकर दुनिया भर में जो हो रहा है वह आगे चलकर भारत के लिए परेशानी खड़ी कर सकता है। यह सब भारत की वैक्सीन नीति से होगा।