जैसे 21 दिनों में कोरोना से लड़ाई ‘जीते’ वैसे ही दिसंबर तक सभी को टीका भी लग जाएगा? आखिर टीकाकरण का लक्ष्य वास्तविकता से परे क्यों लगता है? देखिए वरिष्ठ पत्रकार नीलू व्यास का विश्लेषण-
फाइजर ने कहा है कि इसकी वैक्सीन भारत में मिले नये स्ट्रेन पर तो 'बेहद प्रभावी' है ही। फाइजर ने यह भी कहा है कि 12 वर्ष से ज़्यादा उम्र के सभी लोग इस टीके को लगवा सकते हैं। कंपनी आपूर्ति भी करना चाहती है तो फिर दिक्कत कहाँ है?
भारत की स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार पर मेडिकल जर्नल लांसेट से जुड़े सिटिज़न कमीशन ने सुझाव दिया है कि कोरोना वैक्सीन को मुफ्त में लगाने के लिए खरीदने और बाँटने की एक केंद्रीय स्तर व्यवस्था होनी चाहिए।
Satya Hindi news Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। केजरीवाल : फाइजर और मॉडर्ना ने कहा केन्द्र से ही करेंगे बात । बिहार सरकार वैक्सीन को लेकर नहीं निकालेगी ग्लोबल टेंडर!
बिना इंटरनेट और स्मार्ट फ़ोन की सुविधा वाले 18-44 साल की उम्र के लोग अब सीधे टीकाकरण केंद्र पर रजिस्ट्रेशन कराकर टीके लगवा सकते हैं। इंटरनेट, मोबाइल, ऐप से बिल्कुल अनजान लोग इस फ़ैसले से लाभ ले सकेंगे।
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया के कार्यकारी निदेशक सुरेश जाधव ने कहा कि मोदी सरकार ने अलग-अलग आयु वर्ग के लोगों का टीकाकरण शुरू कर दिया लेकिन इस बात की जांच तक नहीं की कि वैक्सीन का स्टॉक कितना है।
वैक्सीन की कमी को लेकर चारों ओर से घिरी मोदी सरकार ने इस मामले में किस कदर बिना सोचे-समझे काम किया, इसका पता सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया के कार्यकारी निदेशक सुरेश जाधव के बयान से चलता है।
भाजपा सरकार ने महामारी से जुड़े शासन के सबसे महत्वपूर्ण कार्यों जैसे: ऑक्सीजन उत्पादन, उत्पादन का नियंत्रण और कोविड-19 के इलाज से जुड़ी दवाओं जैसे रेमडेसिविर का वितरण आदि का नियंत्रण अपने हाथों में ले लिया था। लेकिन तैयारी कैसी हुई?
जब से हमारे देश में कोरोना आया है, केंद्र हो या राज्य सरकारें, सब यही कह रही हैं कि यह लड़ाई हमें जीतनी है। देशवासी भी यही चाहते हैं कि हम कोरोना से जंग जीत जाएं।