फाइजर की वैक्सीन भारत में उपलब्ध होगी या नहीं और होगी तो कब होगी? इस सवाल का जवाब फाइजर के चेयरमैन और सीईओ से एल्बर्ट बाउर्ला से ही जानिए कि भारत में फाइजर की वैक्सीन उपलब्धता पर वह क्या कहते हैं।
राहुल गाँधी ने देश में वैक्सीन की उपलब्धता को लेकर मोदी सरकार को ज़िम्मेदार ठहराया तो केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने दावे कर दिए कि इस साल के आख़िर यानी दिसंबर 2021 तक सभी लोगों को वैक्सीन लगा दी जाएगी। लेकिन क्या यह संभव है?
फाइजर ने कहा है कि इसकी वैक्सीन भारत में मिले नये स्ट्रेन पर तो 'बेहद प्रभावी' है ही। फाइजर ने यह भी कहा है कि 12 वर्ष से ज़्यादा उम्र के सभी लोग इस टीके को लगवा सकते हैं। कंपनी आपूर्ति भी करना चाहती है तो फिर दिक्कत कहाँ है?
भारत की स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार पर मेडिकल जर्नल लांसेट से जुड़े सिटिज़न कमीशन ने सुझाव दिया है कि कोरोना वैक्सीन को मुफ्त में लगाने के लिए खरीदने और बाँटने की एक केंद्रीय स्तर व्यवस्था होनी चाहिए।
बिना इंटरनेट और स्मार्ट फ़ोन की सुविधा वाले 18-44 साल की उम्र के लोग अब सीधे टीकाकरण केंद्र पर रजिस्ट्रेशन कराकर टीके लगवा सकते हैं। इंटरनेट, मोबाइल, ऐप से बिल्कुल अनजान लोग इस फ़ैसले से लाभ ले सकेंगे।
भाजपा सरकार ने महामारी से जुड़े शासन के सबसे महत्वपूर्ण कार्यों जैसे: ऑक्सीजन उत्पादन, उत्पादन का नियंत्रण और कोविड-19 के इलाज से जुड़ी दवाओं जैसे रेमडेसिविर का वितरण आदि का नियंत्रण अपने हाथों में ले लिया था। लेकिन तैयारी कैसी हुई?
यूरोपीय देशों के बाद अब भारत में भी कुछ ऐसे मामले आए हैं जिसमें कोरोना टीके लगाने के बाद ब्लड क्लॉटिंग यानी ख़ून के थक्के जमने की शिकायतें हैं। यह बात सरकारी पैनल ने ही कही है।
देश भर में कोरोना टीके की कमी के बीच जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में शनिवार को एक भी वैक्सीन नहीं लग पाई। घाटी के 1.4 करोड़ की आबादी वाले 10 ज़िलों में भी सिर्फ़ 504 लोगों को शनिवार को टीके लगाए जा सके।
Satya Hindi news Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। पीएम : गांवों मे डोर-टू-डोर की जाए कोरोना टेस्टिंग । PM: केंद्र के वेंटिलेटर्स के इंस्टॉलेशन, ऑपरेशन का ऑडिट किया जाए
वैक्सीन के निर्यात पर सवाल पूछा तो 10 से अधिक केस और 9 लोग गिरफ्तार। कोरोना की दूसरी लहर के थमने के दावे, मगर आँकड़ों पर उठ रहे हैं सवाल। देखिए दिन की महत्वपूर्ण ख़बरों का विश्लेषण वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार के साथ-
वैक्सीन नीति फेल होने के बाद झूठी तसल्ली देने में जुटी है मोदी सरकार? और क्यों बढ़ाई गई कोविशील्ड की दो डोज़ के बीच की अवधि? देखिए वरिष्ठ पत्रकार नीलू व्यास का विश्लेषण-
देश में कोरोना वैक्सीन की भारी कमी की शिकायतों के बीच केंद्र सरकार ने दावा किया है कि इस साल के आख़िर तक यानी दिसंबर महीने तक भारत में 200 करोड़ से ज़्यादा वैक्सीन उपलब्ध होगी।