क़रीब एक सौ चौंतीस साल पुरानी कांग्रेस 2014 और 2019 की हार के कारण सन्निपात की स्थिति में पहुँच गई है। एक पार्टी के तौर पर यह इतनी विचलित पहले कभी नज़र नहीं आयी। क्या हिंदू राष्ट्रवाद के भँवर में फँसकर ऐसी स्थिति में कैसे पहुँच गई?
अनुच्छेद 370 में फेरबदल के बाद कांग्रेस में क्यों पूरी तरह बिखरती दिख रही है? क्या पार्टी में एक राय नहीं है? राहुल के इस्तीफ़े के बाद से ही नेतृत्वहीन दिख रही क्या कांग्रेस के लिए यह बड़ा संकट नहीं है? देखिए सत्य हिंदी के लिए शैलेश की रिपोर्ट में इन सवालों के जवाब।
कांग्रेस में पिछले 2 महीने से अध्यक्ष पद को लेकर बनी असमंजस की स्थिति स्वतंत्रता दिवस से पहले ख़त्म हो सकती है। यानी 15 अगस्त से पहले कांग्रेस को नया अध्यक्ष मिल सकता है।
महाराष्ट्र और केंद्र सरकार में बीजेपी की सहयोगी शिवसेना ने प्रधानमंत्री फ़सल बीमा योजना पर सवाल उठाए हैं, लेकिन सवाल यह उठता है कि राज़्य में विपक्ष की दोनों पार्टियाँ इस पर अभी तक खामोश क्यों हैं?
कांग्रेस एक बार फिर चुनाव हारी है और इस बार वह 2014 में मिली सीटों में सिर्फ़ 8 सीटों का ही इज़ाफ़ा कर पाई है। अब सवाल यह है कि क्या वह अब ख़ुद को खड़ी कर पाएगी।
प्रधानमंत्री मोदी के चुनावी शपथ पत्र में संपत्ति का ब्यौरा कथित रूप से छुपाने के मामले को कांग्रेस ने कार्रवाई की माँग की है। आरोप है कि मोदी ने चुनावी शपथ पत्रों में ज़मीन के एक प्लॉट की जानकारी छुपायी है।
लोकसभा चुनाव के 18 अप्रैल को होने वाले दूसरे चरण के मतदान के लिए आज चुनाव प्रचार का आख़िरी दिन है। इस चरण में 13 राज्यों की 97 लोकसभा सीटों के लिए वोट डाले जाएँगे।
2014 के चुनाव में मतदाताओं ने एकतरफ़ा वोट डाले थे, लेकिन इस बार चुनाव में वह मोदी लहर दिखाई नहीं दे रही है। हालाँकि सर्वेक्षण बीजेपी-शिवसेना के पक्ष में आते दिख रहे हैं, परिस्थितियाँ बदली हैं। तो किस करवट बैठेगा ऊँट?
पश्चिमी उत्तर प्रदेश का रण निपटने के बाद अब बाक़ी उत्तर प्रदेश में मज़बूत कंधे तलाश रही कांग्रेस की तैयारी बड़ी ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ की है। कुछ बड़े पिछड़े नेताओं को पार्टी में शामिल कराने की योजना है।
पहले चरण में मतदान के बाद सियासी दलों की धड़कनें बढ़ गई हैं। बीजेपी कह रही है कि राष्ट्र की सुरक्षा जैसे मुद्दों पर लोगों ने वोट दिया है वहीं विपक्षी दलों का दावा है कि बेरोज़गारी और किसान मुद्दे बने हैं।
कर्नाटक में 2019 के लोकसभा चुनाव दो विचारधाराओं के बीच होगा। एक तरफ़ बीजेपी राष्ट्रवाद के नाम पर धार्मिक ध्रुवीकरण के आधार पर वोट की राजनीति करेगी तो दूसरी तरफ़ विपक्ष संघीय व्यवस्था की राजनीति करेगा।
बीजेपी ने सोमवार को घोषणापत्र (संकल्प पत्र) जारी किया। बीजेपी के इस घोषणापत्र को झाँसा पत्र क्यों कह रही है कांग्रेस? बीजेपी के संकल्प पत्र पर देखिए वरिष्ठ पत्रकार अमिताभ, आशुतोष और यूसुफ़ अंसारी की चर्चा।