कांग्रेस का घोषणा पत्र जारी करते हुए राहुल गाँधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फिर से बेरोजगारी, ग़रीबी और किसानों के मुद्दे पर चुनावी मैच खेलने पर मजबूर किया है।
उत्तराखंड में यह रोचक संयोग है कि पिछले दो चुनावों में जिस दल की राज्य में सरकार रही, उसे लोकसभा में शून्य अंक मिला। 2009 में बीजेपी और 2014 में यहाँ कांग्रेस सता में थी और दोनों को ज़ीरो सीट मिली थी।
एक दिन पहले ही सपना के कांग्रेस में शामिल होने की ख़बर आयी थी, लेकिन अब उन्होंने कांग्रेस में शामिल होने की ख़बर को ही ख़ारिज़ कर दिया है। कांग्रेस ने भी सबूत पेश कर दावा किया कि वह झूठ बोल रही हैं।
उत्तर भारत में विपक्ष ने मोदी जी के समक्ष हथियार डाल दिये हैं। अब निहत्थे अवाम को अपनी लाज ख़ुद अपने हाथों से बचानी होगी क्योंकि मीडिया उसके वस्त्र लेकर पहले ही पेड़ पर चढ़ गया है।
‘आप’ और कांग्रेस के बीच गठबंधन होगा या नहीं, इसे लेकर चर्चाएँ जोरों पर हैं। इस पूरे मुद्दे पर नज़र डालें तो पता चलता है कि गठबंधन को लेकर कांग्रेस कंफ़्यूज़्ड है।