कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पत्रकार अर्णब गोस्वामी के लीक हुए कथित चैट्स को लेकर मोदी सरकार पर जोरदार हमला बोला है।
नये कृषि क़ानून पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने इस मुद्दे पर विपक्षी दलों के नेताओं से बात की है और संसद के बजट सत्र से पहले साझा रणनीति तैयार करने की योजना पर चर्चा की है।
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। पश्चिम बंगाल में वामदलों के साथ मिलकर लड़ेगी कांग्रेस।कृषि मंत्री: बाग़पत के किसान संगठनों ने किया कृषि क़ानूनों का समर्थन
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। मध्यप्रदेश: शर्मसार हुई कांग्रेस, BJP नेता को बना दिया महासचिव! । गुपकार गठबंधन पर जताया जनता ने भरोसा, घाटी में पहुँची BJP
राहुल गांधी दोबारा कांग्रेस अध्यक्ष हो सकते हैं। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ पार्टी के पदाधिकारियों और वरिष्ठ नेताओं की अहम बैठक के बाद इस आशय के पुख़्ता संकेत मिले हैं।
ऐसा लगता है कि कांग्रेस नेतृत्व का अंदरूनी संकट ख़त्म हो गया है और अध्यक्ष पद पर बनी जिच दूर हो गई है। शनिवार को हुई पार्टी के शीर्ष नेताओं की बैठक में राहुल गांधी ने कहा कि 'जैसा सब चाहते हैं, उसके अनुरूप मैं पार्टी के लिए काम करने को तैयार हूं।'
असंतुष्टों के साथ हो रही बैठक में काँग्रेस हाईकमान क्या करेगा वह असंतोष को ठंडा करने की कोशिश करेगा या बागियों को धमकाने की? सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या इस बैठक से नेतृत्व का संकट हल करने की दिशा में कोई प्रगति होगी? पेश है वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट
Alok Adda। क्या कांग्रेस अब खत्म हो चुकी है? जनता के पास विकल्प न होने का फायदा कांग्रेस को? या पलटवार कर सकती है कांग्रेस? राहुल गाँधी पार्ट टाइम नेता बनकर रह जाएँगे? देखिए वरिष्ठ पत्रकारों की दिलचस्प चर्चा।
कपिल सिब्बल ने चुनावी हार को लेकर कांग्रेस में जो ताज़ा हलचल पैदा की उसकी आग भी बुझती नहीं दिख रही है। बिना नाम लिए ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने कपिल सिब्बल की आलोचना की है।
कपिल सिब्बल की चिट्ठी। कांग्रेस में कोई चिंता और चिंतन नहीं है। क्या कांग्रेस ख़त्म हो जायेगी? आशुतोष के साथ चर्चा में रशीद किदवई, आलोक जोशी और विजय त्रिवेदी!
एक इंटरव्यू में प्रियंका गाँधी ने कहा है कि काँग्रेस का नेतृत्व गाँधी परिवार के बाहर के नेता को सँभालना चाहिए। उनके इस विचार का क्या मतलब है और साल भर पहले दिया गया ये बयान क्या आज भी प्रासंगिक माना जा सकता है? पेश है वरिष्ठ पत्रकार रामकृपाल सिंह और काँग्रेस मामलों के विशेषज्ञ रशीद किदवई से वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की बातचीत