कांग्रेस को पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में करारी हार मिली है और इसके बाद उसके सामने खुद के अस्तित्व को बचाने की चुनौती पैदा हो गई है। ऐसे में वह क्या प्रशांत किशोर की मदद से गुजरात में जीत हासिल कर पाएगी?
लगातार मिल रही चुनावी हार के बाद कांग्रेस के सामने मुसीबतों का पहाड़ खड़ा हो गया है। पार्टी को अपने नेताओं की बयानबाज़ी के अलावा क्षेत्रीय दलों की चुनौती से भी निपटना है।
पंजाब प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने कांग्रेस पार्टी पर फिर हमला किया। इसी के साथ सोशल मीडिया पर लोगों ने सवाल उठाया है कि कांग्रेस इसे क्यों बर्दाश्त कर रही है।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पांच चुनावी राज्यों में पार्टी के पांच नेताओं को नियुक्त करते हुए हार के कारणों पर रिपोर्ट मांगी है लेकिन ऐसी हार की समीक्षा पहले भी हुई है। उन रिपोर्टों पर कितना अमल हुआ, कोई नहीं जानता।
सोनिया गांधी ने कहा कि फेसबुक के द्वारा सत्तारूढ़ दल के साथ मिलीभगत करके सामाजिक सौहार्द्र को बर्बाद किया जा रहा है और यह हमारे लोकतंत्र के लिए बहुत खतरनाक है।
अशोक गहलोत ने कहा है कि कपिल सिब्बल कांग्रेस की संस्कृति के आदमी नहीं हैं। सिब्बल ने कहा था कि अब गांधी परिवार को हट जाना चाहिए और किसी दूसरे नेता को नेतृत्व करने का मौका देना चाहिए।
कपिल सिब्बल के इस बयान पर कि अब गांधी परिवार को हट जाना चाहिए और किसी दूसरे नेता को नेतृत्व करने का मौका देना चाहिए, मनिक्कम टैगोर ने उन्हें जवाब दिया है।