'कांग्रेस मुक्त भारत’ के माध्यम से बीजेपी क्या संदेश देना चाहती है? हर मुद्दे पर आख़िर बीजेपी या खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राहुल गांधी को निशाने पर क्यों लेते हैं?
कांग्रेस के लिए 2024 का लोकसभा चुनाव करो या मरो की स्थिति है। लगातार चुनावी हार और कई नेताओं के धड़ाधड़ पार्टी छोड़ने के कारण पार्टी बुरी तरह पस्त हो चुकी है। ऐसे में बुनियादी मुद्दों को उठाकर और भारत जोड़ो यात्रा के जरिए कांग्रेस जिंदा हो पाएगी?
केजरीवाल की असली लड़ाई किससे है- मोदी से या कांग्रेस से? अगर मोदी से है तो वे काँग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा पर पलीता लगाने के लिए उसी दिन अपना कार्यक्रम क्यों शुरू कर रहे हैं क्या ऐसा करके वे मोदी की मदद नहीं कर रहे हैं?
नीतीश कुमार विपक्षी एकता को लेकर पहल कर चुके हैं .वे यह भी साफ कर चुके हैं कि अब तीसरा मोर्चा नही पहला मोर्चा बनाया जाएगा .इसका क्या अर्थ है समझेंगे आज की जनादेश चर्चा में.
कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव की तारीख़ की घोषणा हो गयी है । लेकिन ग़ुलाम नबी आज़ाद जैसे लोग पार्टी छोड़ रहे हैं । उधर केजरीवाल गुजरात में कांग्रेस की नींद हराम कर रहे हैं । पहले दिल्ली, फिर पंजाब में कांग्रेस को आप ने धराशायी कर दिया । तो क्या आप कांग्रेस का स्पेस धीरे धीरे हड़पती जा रही है
जम्मू-कश्मीर में 2019 में धारा 370 के हटने के बाद परिस्थितियां बदल गई हैं और उसके बाद पहली बार राज्य में विधानसभा के चुनाव होंगे। देखना होगा कि गुलाम नबी आजाद जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस को कितना नुकसान पहुंचाते हैं।
Satya Hindi news Bulletin सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। ममता: मैं BJP को चुनौती देती हूँ कि मुझे गिरफ़्तार करके दिखाए । भारत से आयात कर सकते हैं खाने का सामान: पाकिस्तान ।
राहुल गांधी के फिर मना करने के बाद अब कांग्रेस अध्यक्ष कौन बन सकता है ?अशोक गहलौत से लेकर खड़गे तक का नाम चर्चा में हैं .क्या गांधी परिवार से बाहर का कोई अध्यक्ष पार्टी को आगे बढ़ा पाएगा ?आज की जनादेश चर्चा इसी पर .
देश के प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव 17 अक्टूबर को होगा और नतीजा 19 अक्टूबर को आएगा। यह फैसला रविवार को कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में लिया गया। मौजूदा अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा ने इस बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शामिल हुए।
काँग्रेस छोड़ने वाले तमाम नेता राहुल गाँधी पर ही क्यों बरस रहे हैं? ये नेता राहुल गाँधी की नेतृत्व शैली से नाराज़ हैं या फिर महत्वपूर्ण भूमिका न मिलने से? क्या ये नेता किसी और के इशारे पर राहुल गाँधी पर हमले कर रहे हैं? क्या अब राहुल के हटने से ही काँग्रेस बचेगी? क्या ऐसे नाराज़ नेताओं का पार्टी से निकल जाना उसके लिए अच्छा है
आख़िर ग़ुलाम नबी आज़ाद के कांग्रेस छोड़ने से कांग्रेस दुखी नहीं है ? क्या आज़ाद की मोदी से कोई साठ गाँठ है ? क्या अशोक गहलोत कांग्रेस में जान फूंक सकते है ? और क्या नीतीश विपक्ष को फिर से खड़ा कर सकते हैं ? और बीजेपी ने कहाँ गलती कर दी ? आशुतोष ने तमाम सवालों के जवाब तलाशे जाने माने राजनीतिक विश्लेषक अभय कुमार दुबे से !