पंजाब पैटर्न पर खड़े हुए राजस्थान संकट का काँग्रेस पर कितना असर पड़ेगा? क्या अंदरूनी लड़ाई की वज़ह से काँग्रेस अगले साल राजस्थान भी गँवा देगी? क्या गाँधी परिवार ने एक और राज्य की राजनीति को साधने में नाकामी दिखाकर पार्टी का भारी नुक़सान करवा दिया है?
भारत जोड़ो यात्रा अभी केरल में ही है और दसवें भी आगे बढ़ रही है। यात्रा इस समय केरल में है। वहां बुजुर्ग महिलाओं ने राहुल गांधी को आशीर्वाद दिया। कुछ महिलाएं राहुल को गले लगाकर रो पड़ीं।
बीजेपी ने पांच राज्यों के चुनाव प्रचार के दौरान 12 करोड़ रुपए वर्चुअल कैंपेन पर भी खर्च किए। जबकि कांग्रेस ने 15.67 करोड़ रुपए वर्चुअल कैंपेन पर खर्च किए।
कांग्रेस के अध्यक्ष का चुनाव । लेकिन अशोक गहलोत ने विधायक दल की बैठक बुलाई । क्या करेंगे गहलोत ? कांग्रेस अध्यक्ष बनेंगे या फिर बने रहेंगे मुख्यमंत्री? आशुतोष के साथ चर्चा में नीरजा चौधरी, रविकांत और विनय तिवारी ।
ऐसे वक्त में जब पार्टी के तमाम दिग्गज नेता उसे छोड़ कर जा चुके हैं और वह लगातार चुनाव हार रही है तो कांग्रेस की कोशिश भारत जोड़ो यात्रा के जरिए देशभर को कवर करने की है।
क्या शशि थरूर अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने की घोषणा गाँधी परिवार को चुनौती देने जैसा है? उनके ख़िलाफ़ क्या अशोक गहलौत मैदान में उतरेंगे या फिर आख़िरकार काँग्रेसी राहुल गाँधी को अध्यक्ष बनने के लिए मना लेंगे?
अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष के लिए नामांकन दाखिल कर सकते हैं .क्या यह कांग्रेस की सोशल इंजीनियरिंग की दिशा में बढ़ता कदम है ? इसका क्या असर पड़ेगा ?आज की जनादेश चर्चा
कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव फिर से होने से जा रहा है। लेकिन देश की आजादी में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेने वाली इस पार्टी में अध्यक्ष पद के कुछ चुनाव बहुत रोचक रहे हैं। जानिए पूरा इतिहास।
भले ही एक के बाद एक राज्यों में कांग्रेस की इकाइयाँ राहुल गांधी को कांग्रेस का अध्यक्ष बनाने के लिए प्रस्ताव पास कर रही हैं लेकिन खब़र है कि शशि थरूर भी इसके दावेदार हो सकते हैं। जानिए, इस पर सोनिया की क्या राय है।
क्या कांग्रेस अब बदल रही है? क्या यह ग़लतियों से सीख रही है? क्या वह विपक्षी दल होना सीख रही है? क्या उसे ग़लतियों का एहसास हो गया है और इसलिए अब वह सुधर रही है? जानिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता का ऐसे हर सवालों पर खरी-खरी जवाब।
कांग्रेस ने गुरुवार को विपक्षी एकता का लक्ष्य हासिल करने के नाम पर कांग्रेस को कमजोर करने के लिए सीपीएम, टीएमसी और आम आदमी पार्टी पर तीखा हमला किया। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस को कमजोर करके विपक्षी एकता का लक्ष्य हासिल नहीं किया जा सकता।