कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने राज्य में हिजाब पर लगे प्रतिबंध को हटाने का फैसला किया है। शुक्रवार को ही सीएम सिद्धारमैया ने शुक्रवार को कहा था कि हम हिजाब पर लगा प्रतिबंध वापस लेंगे।
कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए घोषणापत्र समिति का गठन किया है। पी. चिदंबरम को घोषणापत्र समिति का अध्यक्ष और टीएस सिंह देव को संयोजक नियुक्त किया गया है। लेकिन पार्टी के जमीनी कार्यक्रम कहीं दिखाई नहीं दे रहे। कई राज्यों में पार्टी यूनिट चंद बयान देने तक सीमित है।
क्या 145 सासंदों का निलंबन सही है ? क्या राज्यसभा के चैयरमैन की मिमिक्री करना सही है? क्या कांग्रेस बीजेपी का सामना करने के लिये तैयार है ? क्या वो विपक्ष एकजुट हो पायेगा ? क्या देश का लोकतंत्र ख़तरे में हैं ? आशुतोष ने की कांग्रेस के निलंबित सांसद मनीष तिवारी से बात।
कांग्रेस ने कहा है कि इसने राहुल गांधी से भारत जोड़ो यात्रा-2 निकालने के लिए आग्रह किया है, तो सवाल है कि कांग्रेस यात्रा की तैयारी करेगी या फिर लोकसभा चुनाव की?
संसद के शीतलकालीन सत्र से 141 विपक्षी सांसदों के निलंबन को लेकर सोनिया गांधी ने तीखी आलोचना की है और इसे लोकतंत्र पर हमला बताया है। जानिए, पीएम मोदी की सरकार पर क्या आरोप लगाया।
विपक्षी इंडिया गठबंधन की दिल्ली के अशोक होटल में मंगलवार को बैठक हुई है। इस बैठक में आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर गठबंधन की रणनीति पर चर्चा की गई है। इसमें कांग्रेस समेत 28 विपक्षी दलों के नेता मौजूद थे।
कांग्रेस ने चुनावी अभियान के लिए आम लोगों से चंदा जुटाने की शुरुआत तो की, लेकिन इसमें भी बीजेपी ने बाजी मार ली। जानिए, कांग्रेस के डोनेशन लिंक से बीजेपी का लिंक कैसे खुलने लगा।
मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस ने इसकी समीक्षा करनी शुरु कर दी है। इस हार के बाद कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में पार्टी संगठन में बड़ा बदलाव करते हुए कमलनाथ की जगह जीतू पटवारी को प्रदेश कांग्रेस का नया अध्यक्ष बनाया गया है।
क्या कांग्रेस पार्टी गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रही है। लगता तो यही है। क्योंकि उसने जनता से पैसे मांगने का फैसला किया है। इसके लिए 18 दिसंबर से देश के दान या डोनेट फॉर देस अभियान शुरू किया जा रहा है। पार्टी ने शनिवार को यह घोषणा की।
राजनीति में क्या मुसलमानों के लिए अब जगह कम होती जा रही है? आज की भाजपा और सरकार अटल-आडवाणी वाले दौर से भी आगे निकल गई। तो बाक़ी दलों में क्या स्थिति है?
क्या काँग्रेस नरम हिंदुत्व से उग्र हिंदुत्व की काट कर पा रही है? कमलनाथ, भूपेश बघेल और अशोक गहलौत की कोशिशें क्या बताती हैं? कहीं उसकी नरम हिंदुत्व की नीति हिंदुत्व को और भी खाद-पानी नहीं दे रही है? डॉ. मुकेश कुमार के साथ चर्चा में शामिल हैं- श्रवण गर्ग, डॉ. रविकांत, पूर्णिमा त्रिपाठी, विवेक देशपांडे-
कांग्रेस तीन राज्यों के चुनाव में अपनी हार की समीक्षा कर रही है। लेकिन वरिष्ठ पत्रकार और सत्य हिन्दी के संपादक आशुतोष का विश्लेषण है कि कांग्रेस को अभी हताश होने की जरूरत नहीं है। इन तीन राज्यों में उसे कम से कम 40 फीसदी वोट तो मिले ही हैं। कांग्रेस को सिर्फ इंडिया गठबंधन के दलों को साथ लेकर विपक्ष की बड़ी भूमिका के लिए खुद को तैयार करना होगा। पढ़िएः