लोकसभा चुनाव 2024 भारत की संवैधानिक संस्थाओं के गिरते रुतबे को इतिहास में दर्ज करेगा। चाहे वो चुनाव आयोग या फिर आयकर विभाग, इसलिए जाने जाएंगे कि जब भारतीय लोकतंत्र की साख दांव पर थी तो इनका रवैया क्या था। बात अब लोकतंत्र बचाने से भी आगे जा चुकी है। स्तंभकार और पत्रकार वंदिता मिश्रा ने खामोशी से इस इतिहास को अपने लेख में दर्ज कर रही हैं। जरूर पढ़िएः