Satya Hindi news Bulletin सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन । केंद्र पर CJI का चढ़ा पारा, कमेटी पर कमेटी बना Pesticides को बैन करने में हीलाहवाली कर रहा था केंद्र । SC की केंद्र को फटकार- आप अपनी पार्टी की राज्य सरकारों के खिलाफ एक्शन क्यों नहीं लेते?
मणिपुर पर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की टिप्पणी से नाराज़ हिन्दुत्ववादी । सोशल मीडिया पर ज़बर्दस्त ट्रोलिंग । गाली गलौज वाली भाषा । क्या ये सुप्रीम कोर्ट के डराने की कोशिश है ? क्या ये न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर हमला है ? क्या ये फ़ैसले को प्रभावित करने की साज़िश है ?
Satya Hindi news Bulletin सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन । मणिपुर पर SC के हस्तक्षेप के बाद CJI चंद्रचूड़ पर ट्विटर पर निशाना । दिल्ली HC ने ट्रायल में मिली छूट के खिलाफ दायर याचिका को किया खारिज
समलैंगिक विवाह के मुद्दे पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने आख़िर अमेरिकी अदालत के फ़ैसले का ज़िक्र क्यों किया? जानिए, सीजेआई ने आख़िर केंद्र की आलोचना क्यों की।
मीडिया की स्वतंत्रता के बिना क्या किसी भी देश में लोकतंत्र की कल्पना की जा सकती है? यदि वह लोकतंत्र कहा भी जाए तो क्या उसकी जीवंतता बनी रह सकती है? जानिए सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने क्या कहा।
भारत के चीफ जस्टिस डी वीआई चंद्रचूड़ ने आज सोमवार 20 जनवरी को वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) पर अटॉर्नी जनरल को फटकारते हुए कहा कि बंद लिफाफे का बिजनेस बंद किया जाए। यह न्यायिक सिद्धांतों के खिलाफ है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने आज इस पर अपना फैसला भी सुना दिया। अदालत ने 28 फरवरी 2024 तक 10-11 लाख पूर्व सैनिक पेंशनरों को सारे भुगतान को कहा है।
भारत के मुख्य न्यायाधीश की आख़िर ऑनलाइन ट्रोलिंग क्यों की जा रही है और ऐसा करने वाले लोग कौन हैं? जानिए विपक्षी दलों ने नेताओं ने राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखकर क्या कहा है।
संविधान के मूल ढाँचा का सुप्रीम कोर्ट का सिद्धांत मोदी सरकार को खटकता क्यों है? आख़िर एक के बाद एक बयान संसद की सुप्रीमेसी पर क्यों आ रहे हैं? जानिए, अब क़ानून मंत्री किरेण रिजिजू ने क्या कहा।
अपनी स्पष्टवादिता के लिए मशहूर भारत के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ का कहना है कि निचली अदालतों के जज बदनामी के डर से जघन्य मामलों में जमानत नहीं देते हैं। और क्या कहा, जानिएः
जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ भारत के पचासवें मुख्य न्यायाधीश बन गए हैं। उनके सामने बहुत बड़ी चुनौतियां हैं। लेकिन उनका रिकॉर्ड सबसे बड़़ी चुनौती है क्योंकि इससे बहुत सी उम्मीदें जाग चुकी हैं। कितने खरे उतरेंगे वो इन चुनौतियों पर? सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता संजय हेगड़े से आलोक जोशी की बातचीत।