संयुक्त राष्ट्र की एजंसी यूएन ह्यूमन राइट्स ने कहा है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम मूल रूप से ही भेदभावपूर्ण है। यह अंतरराष्ट्रीय समझौतों का उल्लंघन भी है।
नागरिकता संशोधन विधेयक के ख़िलाफ़ पूरा असम जल रहा है, पूरे राज्य में ज़ोरदार आन्दोलन चल रहा है। गुवाहाटी में सुरक्षा बलों की गोलीबारी में दो आन्दोलनकारी मारे गए हैं।
नागरिकता संशोधन विधेयक संसद के दोनों सदनों से तो पास हो गया है लेकिन इसकी आगे की राह आसान नहीं है। इस विधेयक को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दिए जाने की तैयारी है।
गृह मंत्री अमित शाह कुछ भी कहें, सच यह है कि पाकिस्तान में मुसलमान भी धार्मिक उत्पीड़न के शिकार हैं। शिया, अहमदिया और इसमाइली समुदाय के लोग हमेशा ही सरकार और बहुमत सुन्नी के निशाने पर रहे हैं।
गृहमंत्री अमित शाह का कहना है कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफ़ग़ानिस्तान के ग़ैर-हिन्दुओं का दमन किया जाता है, लिहाज़ा उन्हें भारत की नागरिकता दी जानी चाहिए। सवाल यह है कि क्या इन देशों में मुसलमानों के साथ अन्याय नहीं होता है?