कारगिल युद्ध के हीरो मुहम्मद सना उल्लाह असम के डीटेंशन कैंप यानी बंदी गृह में बंद हैं। सेना में 30 साल तक काम करने और ऑनरेरी लेफ़्टीनेंट के पद से सम्मानित किए जाने के बावजूद उनसे नागरिकता साबित करने को कहा गया। बाद में उन्हें विदेशी घोषित कर डीटेंशन कैंप भेज दिया गया। पूरी बात सत्य हिन्दी पर बता रहे हैं प्रमोद मल्लिक।
उत्तर प्रदेश के रामपुर में शनिवार को नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे लोगों और पुलिस के बीच झड़प हो गई। रिपोर्टों में कहा गया है कि प्रदर्शनकारियों ने पुलिस बैरिकेड्स तोड़ दिए और पुलिस पर पत्थर फेंके और पुलिस ने लाठीचार्ज किया।
कारगिल युद्ध के हीरो मुहम्मद सना उल्लाह को असम के डीटेंशन कैंप यानी बंदी गृह भेज दिया गया है। उन्हें फ़ॉरनर्स ट्राइब्यूनल ने पहले ही विदेशी घोषित कर दिया था।
उत्तर प्रदेश में हिंसा थम नहीं रही है, शुक्रवार को भी छह लोग मारे गए हैं। क्या मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान से भड़क गए लोग? आख़िर सरकार स्थिति पर नियंत्रण पाने में सरकार क्यों नाकाम हो रही है। सत्य हिन्दी के ख़ास कार्यक्रम 'आशुतोष की बात' में देखें वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष का विश्लेषण।
नागरिकता क़ानून के विरोध और प्रदर्शन करने वाले छात्रों के समर्थन का अभिनेता और 'सावधान इंडिया' के होस्ट रहे सुशांत सिंह के बाद अब परिणीति चोपड़ा को भी नुक़सान उठाना पड़ा है।
नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ प्रदर्शन को लेकर भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आज़ाद को शनिवार को गिरफ़्तार कर लिया गया। वह शुक्रवार को पुलिस से बच निकले थे।
पश्चिम बंगाल में ट्रेनों पर पथराव करने वाले कौन हैं? वे कौन लोग हैं, जिन्होंने दसियों रेल स्टेशनों पर तोड़फोड़ की है, रेलवे संपत्ति को नुक़सान पहुँचाया है, पथराव किया है? क्या वे किसी पार्टी से जुड़े हुए हैं? क्या वे समुदाय विशेष के हैं? देखिए सत्य हिन्दी प्रमोद मल्लिक के साथ।
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद ज़िले में भारतीय जनता पार्टी के एक कार्यकर्ता और उसके 5 साथियों को पकड़ा गया है जो मुसलमानों की जालीदार टोपी और लुंगी पहन कर यानी मुसलमान होने का स्वांग कर ट्रेनों पर पथराव कर रहे थे।
नागरिकता क़ानून पर विरोध-प्रदर्शन ने जो देशव्यापी रूप ले लिया है उसका क्या संकेत है? क्या लोगों का ग़ुस्से को सरकार झेल पाएगी? विपक्ष सक्रिय होता दिख रहा है, इसका क्या असर होगा? देखिए आशुतोष की बात।
नागरिकता क़ानून लगाने से पहले यह पता लगा लिया जाए कि कितने लोग इसके पक्ष में हैं और कितने इसके ख़िलाफ़। इसके लिए संयुक्त राष्ट्र या उस जैसी किसी एजंसी की निगरानी में जनमत संग्रह करा लिया जाए। यह माँग किसने की है? इसका क्या नतीजा होगा? सत्य हिन्दी पर देखें प्रमोद मल्लिक का विश्लेषण।
अपने उग्र तेवरों के लिए मशहूर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नरेंद्र मोदी को खुले आम चुनौती दे दी है। उन्होंने कहा है कि मोदी चाहें तो पश्चिम बंगाल सरकार को बर्खासत कर दें, वह किसी कीमत पर नागरिकता क़ानून और एनआरसी को लागू नहीं करेंगी। क्या है मामला? सत्य हिन्दी पर देखें प्रमोद मल्लिक का विश्लेषण।
सभी विपक्षी पार्टियाँ एकाएक सक्रिय क्यों हो गईं? क्या नागरिकता क़ानून का प्रदर्शन करने वाले लोगों का दमन नहीं किया जाता तो ये दल इतने मुखर होते? क्या अब विपक्ष की एकता होगी और ऐसा हुआ तो बीजेपी का क्या हाल होगा? देखिए शैलेश की रिपोर्ट।