हर तरह की असहमति को कुचलने की नीति पर चलने वाली बीजेपी इस बार क्यों यह कह रही है कि वह नागरिकता क़ानून के मुद्दे पर आम लोगों के पास जाएगी, प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगी और लोगों को अपनी बातें समझाएगी? क्या उसे इतने बड़े विरोध का अंदेशा नहीं था? क्या वह अपने ही बुने जाल में फँस गई? सत्य हिन्दी के विशेष कार्यक्रम 'आशुतोष की बात' में सुनें वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष का विश्लेषण।