अभी तक तो देश में कई राज्यों की विधानसभाओं में नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध में प्रस्ताव लाये जा रहे थे। लेकिन अब यूरोप की संसद में भी इसके विरोध में प्रस्ताव लाया गया है।
सीएए-एनपीआर-एनआरसी के विरोध में चल रहे आंदोलनों में शामिल लोगों को इसे व्यापक तो बनाना ही चाहिए, यह भी ध्यान रखना चाहिए कि यह अहिंसक और लोकतांत्रिक हो।
उत्तर प्रदेश के इटावा में नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रही महिलाओं को उत्तर प्रदेश पुलिस ने दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। फ़ुटेज में दिख रहा है कि प्रदर्शन स्थल से महिलाएँ पतली गलियों से होकर भाग रही हैं और पीछा करते हुए पुलिस उनपर डंडे बरसा रही है। Satya Hindi
पुलिस का कहना है कि नागरिकता क़ानून के विरोध में हुए प्रदर्शनों के दौरान कई पुलिसकर्मी भी गोली लगने से घायल हुए हैं लेकिन वह इनके बारे में जानकारी देने से बच क्यों रही है।