दिल्ली पुलिस की लगातार धमकियों के बावजूद शाहीन बाग़ में भीड़ कम नहीं हो रही है बल्कि बढ़ती चली जा रही है। यह देश का अभूतपूर्व आंदोलन है, सदियाँ इसे याद रखेंगी।
नागरिकता क़ानून को लेकर सवाल यह है कि कोई कैसे साबित करेगा कि उसका धार्मिक उत्पीड़न हुआ है और सरकार कैसे इसका पता लगाएगी। सुनिए, वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष का विश्लेषण।