बीजेपी के बड़े नेता चाहे वो जेपी नड्डा हों या फिर अमित शाह, भूपेंद्र यादव हों या फिर देवेंद्र फडणवीस- यह नहीं बता पाए हैं कि एलजेपी से एनडीए का नाता खत्म हो चुका है या नहीं।
क्या चिराग पासवान को तेजस्वी यादव की सहानुभूति की जरूरत थी? क्या इस समर्थन से चिराग पासवान की राजनीति आसान हो जाएगी? या फिर, चिराग की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं?
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन।सुशील मोदी : एलजेपी है वोट कटवा, वोट देकर बर्बाद न करें।कृष्ण जन्मभूमि: मथुरा कोर्ट ने स्वीकार की ईदगाह हटाने की याचिका
चिराग़ दलित मतदाताओं के दम पर जेडीयू के वोट काटने तक खुद को सीमित नहीं रख रहे हैं। वे बीजेपी के बाग़ी नेताओं को टिकट देकर नीतीश की चुनावी संभावनाओं को गहरा धक्का देने की तैयारी कर चुके हैं। वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट
बिहार में मुख्य मंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले जेडीयू, बीजेपी और पासवान के गठबंधन ने जीत का शंख अभी से बजाना शुरू कर दिया है। विपक्ष और आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव कांग्रेस की लंगड़ी बैशाखी के बूते चुनाव में कूद रहे हैं। कैसा होगा लॉकडाउन के बाद का पहला चुनाव। शैलेश का विश्लेषण
चिराग ने बीजेपी के सामने माँग रही है कि उनकी पार्टी बिहार में बड़े भाई की भूमिका अदा करते हुए ज़्यादा सीटों पर चुनाव लड़े। लेकिन क्या बीजेपी और जेडीयू बड़े भाई की भूमिका देने को तैयार होंगे?