असम में बाल विवाह कानून के तहत गिरफ्तारियों का आंकड़ा विधानसभा में पेश किया गया। इंडियन एक्सप्रेस ने आंकड़ों का विश्लेषण किया है। इससे पता चलता है कि इस कानून का मुसलमानों की गिरफ्तारी के लिए जमकर दुरुपयोग किया गया है।
केंद्र सरकार ने बहुत जोर शोर से बाल विवाह संशोधन विधियेक को संसद में पेश किया था। इसके जरिए लड़कियों की शादी की उम्र 18 से बढ़ाकर 21 साल करने का प्रस्ताव है। लेकिन सदस्यों के अनुरोध पर इसे संसदीय समिति को जांच के लिए भेजा गया। लेकिन उस समिति में सिर्फ एक ही महिला सांसद हैं, जबकि मुद्दा महिलाओं का ही है।
सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 में संशोधन का विधेयक लाने जा रही है। इसके जरिए लड़कियों की उम्र 18 से 21 साल करने का प्रस्ताव है। जाटों की खाप पंचायतें इसका विरोध कर रही हैं। हरियाणा में 2 जनवरी को महापंचायत बुलाई गई है। लेकिन इनके अलावा बहुत लोग इसके विरोध में हैं।