छापों का यह मोदी युग है। छापों के दम पर विपक्ष की आवाज को दबाने का यह खेल नौ वर्षों से खेला जा रहा है। बीएसपी प्रमुख मायावती का उदाहरण सामने है। आज बीएसपी कहां है। अगर विपक्ष ने धारदार तरीके से मोदी युग के छापों का विरोध नहीं किया तो उसे इसकी कीमत चुकाना पड़ेगी।
कोरबा पुलिस ने हत्या के आरोप में पूर्व उपमुख्यमंत्री के बड़े बेटे और उनकी पत्नी सहित कुल पाँच लोगों को गिरफ़्तार किया है। अभियुक्तों में एक नाबालिग भी है।
छत्तीसगढ़ के बस्तर इलाक़े में शनिवार को माओवादियों और केंद्रीय सुरक्षा बलों के बीच हुई मुठभेड़ में सुरक्षा बलों के पाँच जवान मारे गए। कई माओवादी भी मारे गए हैं, पर उनकी संख्या का पता नहीं चला है। बस्तर के बीजापुर ज़िले के तारेम इलाके में यह मुठभेड़ हुई है।