उत्तर प्रदेश सरकार चौरी चौरा आंदोलन की शताब्दी मना रही है। किसको प्रेरणा दे रही है चौरी चौरा की यादें? आलोक अड्डा में सुभाष चंद्र कुशवाहा, अशोक कुमार पांडेय, राघवेंद्र दुबे और अंबरीश कुमार।
गणतंत्र दिवस के दिन जब किसानों की ट्रैक्टर परेड बेकाबू हो गई और हज़ारों किसान तयशुदा रूट छोड़ कर और पुलिस बैरिकेड तोड़ कर दिल्ली में दाखिल हो गए थे तो लोगों को बरबस चौरी-चौरा कांड की याद आई थी।