Satya Hindi news Bulletin सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। जाति जनगणना पर पीएम से समय मांगा था, जवाब नहीं मिला: नीतीश । नीतीश बोले - जातिगत जनगणना करिए, सभी के हित में है
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि वह जाति आधारित जनगणना पर प्रधानमंत्री मोदी से मिलना चाहते थे और मुलाक़ात के लिए समय मांग था, लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं मिला है।
बिहार में विपक्ष का नेता और मुख्यमंत्री, दोनों ही जाति जनगणना के पक्ष में हैं। तेजस्वी यादव कर्नाटक मॉडल की बात कर रहे हैं तो नीतीश कुमार नरेंद्र मोदी से मिलने का समय माँग रहे हैं। क्या है मामला?
क्या राजनीतिक नुक़सान होने के डर से बीजेपी जाति आधारित जनगणना नहीं करवाना चाहती? ऐसा करने से फ़ायदा किसको होगा? मुकेश कुमार के साथ चर्चा में शामिल हैं- विजय त्रिवेदी, दिलीप मंडल, डॉ. रविकांत, डॉ. सतीश प्रकाश -
यूनाइटेड डिस्ट्रिक्ट इन्फॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन प्लस (यूडीआईएसई प्लस) की रिपोर्ट चर्चा में है क्योंकि इसमें स्कूल में पंजीकरण के आधार पर विभिन्न जातियों के बच्चों का अनुमान लगाया गया है।
जाति-आधारित जनगणना की माँग का औचित्य क्या है? मोदी सरकार उसके लिए क्यों तैयार नहीं है? प्रो. मुकेश कुमार बात कर रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार प्रो. दिलीप मंडल से-
केंद्र सरकार ने ओबीसी की जनगणना कराने की मांग खारिज कर दी है। संसद में सरकार ने कहा है कि ऐसी कोई योजना नहीं है। बीजेपी और बिहार में उसके सहयोगी जदयू के बीच टकराव की पूरी संभावना बन रही है।
जाति जनगणना पर महाराष्ट्र सरकार प्रस्ताव पास करने से राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति आदि को दलित व पिछड़ी जाति बताकर वंचित तबक़े का हितैशी होने का दावा करने वाली बीजेपी फँसती नज़र आ रही है।