उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बीएसपी प्रमुख मायावती ने कहा है कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में उनकी पार्टी अकेले चुनाव लड़ेगी। उन्होंने असुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की रिपोर्टों को खारिज किया।
Satya Hindi news Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन।यूपी चुनाव: अकेली पड़ती जा रहीं मायावती, सिर्फ़ 7 विधायक बचे। नीतीश पर हमलावर MLC टुन्ना पांडेय को बीजेपी ने पार्टी से निकाला। देखिए दिनभर की ख़बरें -
क्या है मायावती की बदली हुई राजनीति? लंबे समय तक लगभग अज्ञातवास में रहने के बाद मायावती इधर फिर सक्रिय हुई हैं। सक्रिय होने से मुराद, प्रेस कॉन्फ्रेंस करने से है।
मध्य प्रदेश में सरकार में रहने तक कमलनाथ और कांग्रेस के झंडे तले खड़े बसपा के दो, सपा के एक और दो निर्दलीय विधायकों ने अब अपने हाथों में ‘कमल’ को थाम लिया है। इसके साथ ही बीजेपी की राज्यसभा के लिए दो सीटें पक्की हो गई हैं।
हाल में उत्तर प्रदेश में हुए उप चुनावों में बीएसपी की हालत ख़राब क्यों हुई? चुनाव नतीजे में दिखा कि बीएसपी का जो सामाजिक आधार है वह तेज़ी से सिकुड़ रहा है। तो क्या मायावती की राजनीति ख़त्म हो रही है? क्यों है ऐसी स्थिति? सत्य हिंदी पर देखिए आशुतोष की बात।
वैचारिक विचारधारा से इतर जातियों की गिनती कर अपनी पार्टी से जोड़ने का यह फ़ॉर्मूला बीएसपी को नुक़सान पहुँचा रहा है और वह लगातार अपने जनाधार गँवा रही है।