मीडिया में हर दिन बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती को लेकर एक ही अटकल होती है कि वो इंडिया गठबंधन में शामिल हो सकती हैं। लेकिन मायावती के बार-बार बयान देने के बावजूद मीडिया नई कहानी लेकर सामने आ जाता है। मायावती ने शनिवार को फिर साफ कर दिया कि उनकी पार्टी न तो किसी से गठबंधन करेगी और न ही किसी तीसरे मोर्चे में दिलचस्पी रखती है।
बसपा प्रमुख मायावती ने सोमवार 19 फरवरी को कहा कि उनकी पार्टी किसी भी दल या गठबंधन से समझौता नहीं करेगी और लोकसभा चुनाव 2024 अकेले लड़ेगी। बसपा का किसी भी गठबंधन में शामिल न होना, किसकी राजनीति को प्रभावित करेगा, जानिएः
लोकसभा में भाजपा पर तीखा हमला करने वाले बसपा के निलंबित सांसद दानिश अली 14 जनवरी रविवार को खुलकर राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल हुए। दानिश ने कहा वो खासतौर से मणिपुर में इस यात्रा में शामिल होने आए। वे पूरी यात्रा में रहेंगे। हालांकि मायावती के नेतृत्व वाली बसपा ने इंडिया गठबंधन से दूरी बनाए रखी है। लेकिन दानिश अली खुद को विपक्ष के साथ खड़े होने के लिए रोक नहीं सके।
इंडिया गठबंधन के दलों में सीट बंटवारे को लेकर बातचीत जारी है। कांग्रेस ने यूपी के मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी से पहले दौर की बातचीत पूरी कर ली है। अगली बैठक 12 जनवरी को है। जिसमें सीटों पर अंतिम निर्णय हो सकता है।
लोकसभा चुनाव में बिना किसी गठबंधन के बीएसपी कितनी सीटें जीत पाएगी? बीजेपी और इंडिया गठबंधन के बीच लड़ाई में बीएसपी कहाँ टिकेगी? क्या इसीलिए बीएसपी के कई नेता इंडिया गठबंधन की पैरवी कर रहे हैं?
इंडिया गठबंधन में मतभेद और मनभेद का सिलसिला जारी है। अब खबरें आ रही हैं कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव बसपा को लेकर काफी चौकन्ने हैं। वे इंडिया गठबंधन में बसपा की एंट्री रोकने को लेकर किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं, जिसे इंडिया छोड़ने की धमकी भी है। जानिए नया राजनीतिक घटनाक्रमः
बसपा इसको लेकर जारी अपने एक बयान में कहा है कि दानिश अली को पार्टी की नीतियों, विचारधारा और अनुशासन के खिलाफ बयान या कार्रवाई के खिलाफ कई बार चेतावनी दी गई थी। इसके बावजूद वे लगातार पार्टी के खिलाफ काम कर रहे थे।
मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में मायावती की बीएसपी आख़िर कैसा प्रदर्शन कर पाएगी? क्या गोंडवाना गणतंत्र पार्टी यानी जीजीपी के साथ गठबंधन कर मायावती नये समीकरण का प्रयोग कर रही हैं?
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने 28 सितंबर को भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी के बसपा सांसद दानिश अली पर की गई अपमानजनक टिप्पणी और अपशब्द कहने के मामले को विशेषाधिकार समिति को सौंप दिया है।
बसपा प्रमुख मायावती ने साफ़ कर दिया है कि आने वाले दिनों में किसी भी राजनैतिक गठबंधन में शामिल नहीं होगी। अकेले दम पर चुनाव लड़ने की आख़िर उनकी रणनीति क्या है?
बहुजन समाज पार्टी या बसपा आने वाले दिनों किसी भी राजनैतिक गठबंधन में शामिल नहीं होगी। पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने इसको लेकर साफ कर दिया है कि उनकी पार्टी अकेले दम पर आगामी चुनावों में हिस्सा लेगी।
बसपा मायावती ने पटना बैठक से ठीक पहले बयान दिया कि वो इस बैठक में शामिल नहीं होंगी। उनका यह स्टैंड शुरू से स्पष्ट था। लेकिन वो खुद ही बार-बार बता रही हैं कि विपक्षी एकता बैठक में शामिल नहीं होंगी। जानिए पूरी बातः
क्या यूपी की राजनीति करवट ले रही है। शहरी निकाय चुनाव के आंकड़े बता रहे हैं कि मुस्लिम मतदाता अब सपा-बसपा से बतौर डिफाल्ट नहीं जुड़ा है। उनकी वोटिंग का पैटर्न बता रहा है कि उनकी पंसद अब छोटी पार्टियां और यहां तक की भाजपा भी है।
समाजवादी पार्टी दलित वोट बैंक की तरफ रुख कर रही है। दलितों की मौजूदा समय में नेता मायावती की राजनीति की वजह से दलित अब अन्य पार्टियों में जा रहे हैं। बीजेपी से काफी तादाद में दलित जुड़ चुके हैं। लेकिन जो दलित बीजेपी के साथ नहीं जाना चाहते हैं, वो भी सहारा तलाश रहे हैं। ऐसे में सपा की पहल रंग ला सकती है।