लोकसभा चुनाव ख़त्म होते ही विधानसभा उपचुनावों के लिए गहमागहमी शुरू हो गई है। जानिए, किन-किन राज्यों में उपचुनाव हैं और बीजेपी ने किन नामों की सूची जारी की।
मोदी मंत्रिमंडल का गठन । लेकिन आरएसएस नाराज । संघ प्रमुख का हमला, सेवक कभी अहंकारी नहीं होता । जो अहंकारी है वो सेवक नहीं होता । ऐसे में कैसे चलेगी मोदी सरकार ? कैसे पूरे होंगे पाँच साल ? आशुतोष के साथ विनोद अग्निहोत्री, विजय त्रिवेदी, कार्तिकेय बत्रा, अफ़रीदा रहमान और यशोवर्धन आजाद
लोकसभा चुनाव में बीजेपी को बड़ा नुक़सान क्यों उठाना पड़ा? क्या उसको अपने ऊपर अति आत्मविश्वास हो गया था? जानिए आरएसएस ने चुनाव नतीजों और बीजेपी के प्रदर्शन पर क्या कहा।
अयोध्या में बीजेपी के उम्मीदवार लल्लू सिंह की हार ने हिंदुत्ववादियों को हिला कर रख दिया है, लेकिन क्या यह अयोध्यावासियों के लिए भी ऐसा ही है? जानिए, फैजाबाद लोकसभा सीट पर चुनाव नतीजे के मायने क्या।
बिहार में बीजेपी-जेडीयू वाला एनडीए गठबंधन भले ही 40 में से 30 सीटें जीत गया हो, लेकिन इसके वोट शेयर में बड़ी गिरावट आई है। जानिए, आरजेडी को कितना फायदा हुआ।
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस, टीएमसी आदि छोड़कर भाजपा में गए दाग़दार नेताओं को मतदाताओं ने भी उनके लोकसभा क्षेत्रों में ठुकरा दिया। ये ऐसे नेता थे, जिनके खिलाफ किसी न किसी मामले में केंद्रीय एजेंसियां सीबीआई, ईडी, इनकम टैक्स, एनआईए जांच कर रही थीं। ऐसे लोगों के लिए ही शायद यह मुहावरा गढ़ा गया था- न खुदा ही मिला न विसाले सनम। जानिए ऐसे चेहरों कोः
लोकसभा चुनाव की मंगलवार को होने वाली मतगणना से पहले समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। जानिए, उन्होंने बीजेपी पर क्या-क्या आरोप लगाए।
लोकसभा चुनाव 2024 के शनिवार को अंतिम चरण के मतदान के बाद शाम को एग्जिट पोल जारी होंगे। चुनाव आयोग का सख्त निर्देश है कि इसे शनिवार शाम 6.30 के बाद जारी किया जाए। इस मौके पर टीवी चैनल डिबेट का आयोजन करते हैं, जिनमें सभी राजनीतिक दलों के लोगों को बुलाया जाता है। कांग्रेस ने ऐसी बहसों के बहिष्कार की घोषणा की है। क्या वजह है जो कांग्रेस ने यह कदम उठाया, जानिएः
इस लोकसभा चुनाव में भी परिवारवाद का मुद्दा उठा। बीजेपी अक्सर विपक्षी दलों के नेताओं पर परिवारवाद का आरोप लगाती रही है। तो क्या बीजेपी इससे बची हुई है? जानिए, ताज़ा रिपोर्ट में क्या कहा गया है।
लोकसभा चुनाव के सातवें और आख़िरी चरण की वोटिंग के क़रीब होने के साथ ही अब यह सवाल उठने लगा है कि क्या बीजेपी बहुमत के आँकड़े को छू पाएगी? या फिर इंडिया गठबंधन एनडीए को मात देकर जीत छीन लेगा?
पंजाब के किसान संगठनों का आरोप है कि भाजपा राज्य में जट सिख और मज़हबी सिखों की राजनीति करके दोनों समुदायों के बीच दरार पैदा कर रही है। पंजाब में यही दो सबसे बड़े मतदाता आधार हैं। राज्य की 13 लोकसभा सीटों पर 1 जून को मतदान है। जानिए पंजाब का जातीय समीकरणः