दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव प्रचार 3 फरवरी की शाम को बंद हो गया। चुनाव प्रचार की समय सीमा खत्म होते ही आप प्रमुख केजरीवाल ने एक महत्वपूर्ण ट्वीट एक्स पर किया।
भूखे बच्चों के लिए भोजन, बच्चों को स्कूल, मज़दूरों को मज़दूरी नहीं मिलने की शिकायत करना और हज़ारों रुपये ख़र्च कर कंपटीशन में डुबकियाँ लगाने की बात कहना क्या धर्म का अपमान हो गया? खड़गे के बयान को मुद्दा क्यों बना रही बीजेपी?
भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) ने एक रिपोर्ट सोमवार को जारी की है, जिसमें बताया गया है कि आम चुनाव 2024 से पहले बीजेपी को सबसे ज्यादा चंदा मिला। लेकिन चुनावी बांड की खरीदारी आधी रह गई है। जानिये पूरा मामलाः
राहुल गांधी मध्य प्रदेश के महू में पार्टी की ‘जय बापू, जय भीम, जय संविधान’ रैली में क्या बोले? जानिए, उन्होंने संविधान और आंबेडकर के मुद्दे पर बीजेपी और आरएसएस को कैसे घेरा।
महाराष्ट्र चुनाव में राज्य की वयस्क आबादी से ज़्यादा वोटर कैसे हो गए थे? अयोग्य महिलाओं को लाडकी बहिन योजना का पैसा क्यों दिया गया? इस पर क्या चुनाव आयोग कुछ कार्रवाई करेगा?
केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने शनिवार को दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए बीजेपी के वादों की आखिरी किस्त जारी की। इससे पहले आम आदमी पार्टी और कांग्रेस भी कई किस्तों में अपने वादों की लिस्ट जारी कर चुके हैं।
जेडीयू और एनडीए के बीच मणिपुर में बवाल क्यों हुआ? जीतन राम मांझी की मंत्री पद से इस्तीफ़े की धमकी का विवाद क्यों हुआ? क्या बिहार में चुनाव से पहले सीटों के लिए दबाव की राजनीति की जा रही है?
बीजेपी जिन घोषणाओं को लेकर आप पर रेवड़ियाँ बाँटने के आरोप लगाती रही थी, क्या अब वह खुद इसमें आगे निकल गई है? लेकिन क्या वह अपने वादों पर खरा उतर पाएगी?
दिल्ली में दलित वोटरों का मूड क्या है? इसको जानने के लिए दलितों से 10 सवाल के आधार पर सर्वे किया गया। जानिए, इन सवालों के ज़रिए दलित वोटरों का मूड, रुझान और नज़रिया क्या है।
कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर से रेप और उसके बाद हत्या के मामले में दोषी संजय रॉय को अदालत ने सोमवार को उम्रकैद की सजा दी। अदालत ने पिछले हफ्ते उसे दोषी करार दिया था। लेकिन सजा का ऐलान 20 जनवरी को किया। अदालत ने इस मामले में सीबीआई की फांसी की मांग को खारिज कर दिया।
बीजेपी ने क्या दिल्ली चुनाव के लिए जारी घोषणा पत्र में आम आदमी पार्टी की योजनाओं की नकल की है? तो क्या पीएम मोदी जिसे मुफ़्त की रेवड़ियाँ बाँटना कहते थे, अब भी कहेंगे?
दिल्ली चुनाव के लिए तारीख़ें घोषित कर दी गई हैं और चुनाव आचार संहिता लागू है तो मतदाताओं को कैसे प्रभावित किया जा सकता है? जानिए, सरकार ने इसकी तोड़ कैसे निकाल ली।