छत्तीसगढ़ के बेमेतरा में कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी ने एक चुनावी जनसभा में पीएम मोदी और भाजपा पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी जहां भी आते हैं मुझे गालियां देते हैं।
दिल्ली ही नहीं देश के कई शहरों में दिवाली पर छोड़े गए पटाखों की वजह से वायु प्रदूषण बढ़ गया है, लेकिन जनता इस बात पर विचार करने को तैयार नहीं है। दक्षिणपंथी संगठन और एक खास राजनीतिक दल के नेताओं ने तो खुलकर पटाखा छोड़ने का समर्थन किया। उन्होंने इसे आस्था से जोड़ दिया। दूसरे नेता ने इस जनता का असहयोग आंदोलन करार दे दिया। सोचिए कि किस तरफ देश और समाज बढ़ रहा है।
गुजरात मॉडल और पीएम मोदी की सफलता की कहानियां ध्वस्त हो चुकी हैं। अब जनता को तय करना है कि वो तीसरी बार उन्हें मौका देगी या नहीं। किसी एक ही व्यक्ति को पीएम पद के लिए फिर से (तीसरी बार) चुनना भारत के नागरिकों की बाध्यता तो नहीं है? आखिर किसे पीएम चुनना चाहिए? पढ़िए वंदिता मिश्रा का विचारोत्तेजक लेखः
भाजपा नेतृत्व का राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कल्याणवाद का मुकाबला करने में विफलता ने उन्हें सांप्रदायिक विभाजन पैदा करने के अपने हताश कार्ड को आजमाने के लिए प्रेरित किया है। क्या इससे इस चुनाव में पार्टी की नैया पार लग सकती है?
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के चुनाव में कराये गये नामांकन पर भाजपा ने बुधवार को आपत्ति दर्ज कराई है। भाजपा का आरोप है कि अपने नामांकन में गहलोत ने तथ्यों को छुपाया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को मध्य प्रदेश के दमोह और मुरैना में चुनावी जनसभा को संबोधित किया है। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को मध्य प्रदेश के सीधी में चुनावी सभा को संबोधित किया है। इसमें उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने केंद्र में सरकार चलाते हुए गरीब और मध्यम वर्ग को लूटने का काम किया।
ये बागी कई सीटों पर उम्मीदवार बन चुनावी मैदान में हैं। मध्य प्रदेश में बसपा और गोंडवाना पार्टी का गठबंधन भी कई सीटों पर कांग्रेस को नुकसान पहुंचा सकता है।
प्रधानमंत्री मोदी और राहुल गांधी, दोनों को उनकी ही पार्टियों के तपे-तपाए नेताओं ने लोकसभा चुनावों के पहले से तेवर दिखाना शुरू कर दिया है। तो क्या विधानसभा चुनाव में इसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ेगा?
जाति सर्वेक्षण के मुद्दे पर क्या बीजेपी बुरी तरह फँस गई है? आख़िर इस मुद्दे पर बीजेपी नेताओं के अलग-अलग बयान क्यों आ रहे हैं? कभी विरोध तो कभी समर्थन तो कभी कुछ और आरोप क्यों?
एनडीटीवी और सीएसडीएस के सर्वे में बताया गया कि कितने प्रतिशत लोग भाजपा और कितने प्रतिशत कांग्रेस को पसंद कर रहे हैं। इस सर्वे में राजस्थान से जुड़े कई रोचक आंकड़े सामने आये हैं।
चुनावी बॉन्ड योजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रही है। अदालत का फ़ैसला चाहे जो भी आए, लेकिन सवाल है कि चुनावी बॉन्ड पर प्रश्न क्यों उठ रहे हैं और दलों को मिलने वाले चंदे में भारी अंतर क्यों है?
मध्य प्रदेश में भाजपा के चुनाव अभियान को आगे बढ़ाते हुए अमित शाह ने तीन दिवसीय दौरा किया है। इस दौरे में अमित शाह भाजपा के असंतुष्ट कार्यकर्ताओं से मिले हैं।