ऐसे समय जब पश्चिम बंगाल चक्रवाती तूफान अंपन से बाहर नहीं निकल सका है, गृह मंत्री अमित शाह ने ऑनलाइन रैली की, जिस पर बड़ी रकम खर्च हुई। अगले साल विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान की शुरुआत इसे माना जाता है। क्या यह उचित है? क्या किसी राजनीतिक दल को इस कदर संवेदनहीन होना चाहिए? क्या यह संज्ञाहीनता का सूचक नहीं है? सत्य हिन्दी पर देखें प्रमोद मल्लिक का विश्लेषण।