कांग्रेस पार्टी की ओर से निकाली जा रही भारत जोड़ो यात्रा राहुल गांधी के नेतृत्व में पश्चिम बंगाल से बिहार पहुंच गई है। सोमवार को यह यात्रा पश्चिम बंगाल के दिनाजपुर से बिहार के किशनगंज जिले में प्रवेश कर गई है।
महागठबंधन की सरकार बचाने और नीतीश कुमार के भाजपा के पाले में जाने की अटकलों के बीच खबर है कि लालू यादव ने शुक्रवार की शाम सीएम नीतीश कुमार को कई बार फोन किया लेकिन उन्होंने फोन रिसिव नहीं किया।
इस समय पूरे मीडिया जगत में यही सवाल तैर रहा है कि क्या नीतीश कुमार पलटी मारकर एक बार फिर एनडीए में जाएंगे लेकिन कोई यह सवाल नहीं कर रहा कि नीतीश कुमार के लिए अपना दरवाजा बंद करने की घोषणा करने वाली भारतीय जनता पार्टी पलटी मारेगी?
बिहार में महागठबंधन की सरकार पर खतरा मंडरा रहा है। अब अटकले लगाई जा रही हैं कि शुक्रवार को सीएम नीतीश कुमार राजद से नाता तोड़ कर वापस भाजपा के पाले में जा सकते हैं।
आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए बिहार में ओबीसी वर्ग को अपनी ओर मिलाने के लिए राजनीति तेज हो गई है। जाति जनगणना के आंकड़े आने के बाद साफ हो गया है कि बिहार में सबसे अधिक आबादी इस वर्ग की ही है।
जेडीयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भाग लेने के लिए नीतीश दिल्ली पहुंच चुके हैं। दिल्ली रवाना होने से पहले उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में ललन सिंह के इस्तीफे की खबर को खारिज कर दिया है ।
बिहार की राजनीति में इन दिनों सीएम नीतीश कुमार को लेकर अटकलबाजियों का दौर जारी है। चर्चा इस बात को लेकर है कि नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन से नाराज चल रहे हैं। उनका अगला राजनैतिक कदम क्या होगा इसको लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।
आरएसएस और उसके सहयोगी संगठन बिहार में पूरी योजना के साथ लोकसभा चुनाव में भाजपा की जीत के लिए काम कर रहे हैं। ये घर-घर जाकर और लोगों से सीधा संपर्क स्थापित कर के उन्हें भाजपा से जोड़ रहे हैं।
बिहार के बक्सर जिले के रघुनाथपुर रेलवे स्टेशन पर नॉर्थ ईस्ट सुपरफास्ट ट्रेन के 3 डिब्बे बुधवार की रात करीब 9. 35 बजे पटरी से उतर गए हैं। इस हादसे में 4 लोगों के मारे जाने और सौ से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर है।
बिहार में हुई जाति गणना पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को इंकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट में जाति गणना के आंकड़ो को सार्वजनिक किए जाने के खिलाफ याचिका दायर की गई थी।
जाति जनगणना ने नीतीश को राष्ट्रीय राजनीति के केंद्र में ला दिया है और उनका कद भी बढ़ा है। राजनीतिक विश्लेषक मान रहे हैं कि अब देश भर की विपक्षी नेताओं के बीच नीतीश कुमार एक बड़े चेहरे के तौर पर उभरेंगे।