इन दिनों बिहार के सीएम नीतीश कुमार की बॉडी लैंग्वेज बहुत कुछ बता रही है। कभी वो राज्यसभा में जाने की बात कहते हैं तो कभी उन्हें उप राष्ट्रपति पद अच्छा लगता है तो कभी वो पीएम मोदी के सामने जरूरत से ज्यादा झुक कर अभिवादन करने लगते हैं। नीतीश की भाव भंगिमा को पढ़ना मुश्किल नहीं है।
राष्ट्रीय जनता दल के लालू प्रसाद यादव ने चिराग पासवान के बाद अब नीतीश कुमार को पटाने की कोशिश शुरू की है, वे इसके पहले मुलायम सिंह यादव से मिल चुके हैं। क्या वे बिखे हुए जनता दल को एकजुट करने की कोशिश में हैं?
2020 के विधानसभा चुनाव में अपनी सहयोगी बीजेपी से पिछड़ जाने के बाद से ही राजनीतिक दबाव का सामना कर रहे नीतीश कुमार पुराने सहयोगियों को जोड़ने के काम में जुटे हैं।
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में जेडीयू के ख़राब प्रदर्शन के बाद से ही पार्टी के मुखिया नीतीश कुमार ने दूर जा चुके सहयोगियों को क़रीब लाने की कोशिश शुरू की थी।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 2005 से बीजेपी के साथ सरकार चला रहे हैं लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है कि सरकार के गठन के इतने दिनों के बाद भी कैबिनेट का विस्तार नहीं हो पा रहा है।