सरकारी विश्वविद्यालय बीएचयू के परिसर में आरएसएस का झंडा हटाने की वजह से एक अफ़सर को इस्तीफ़ा देने को बाध्य कर दिया गया। उसके ख़िलाफ़ एफ़आईआर भी दर्ज कर दिया गया।
बीएचयू के संस्कृत फ़ैकल्टी में एक मुसलिम के असिस्टेंट प्रोफ़ेसर नियुक्त किए जाने का विरोध क्यों? क्या संस्कृत भाषा किसी ख़ास मज़हब या जाति का व्यक्ति ही पढ़ा सकता है?