भारत जोड़ो यात्रा मध्यप्रदेश के साथ ही हिंदी बेल्ट में प्रवेश कर गई है ! अब तक द़क्षिण और महाराष्ट्र में यात्रा को ज़बर्दस्त समर्थन मिला है ! क्या होगा हिंदी बेल्ट में ? ये बीजेपी का सबसे मज़बूत गढ़ है । मोदी के जलने वाली जगह है ? क्या यहाँ यात्रा टिक पायेगी ? क्या राहुल को समर्थन मिलेगा?
भारत जोड़ो यात्रा 12 दिन में मध्य प्रदेश के 6 जिलों- बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, इंदौर, उज्जैन और आगर-मालवा में घूमेगी। मध्य प्रदेश में राहुल 370 किलोमीटर पैदल चलेंगे। यात्रा 4 दिसंबर को आगर होते हुए राजस्थान में एंट्री करेगी। मध्य प्रदेश और राजस्थान में अगले साल विधानसभा के चुनाव होंगे।
राजस्थान में सचिन पायलट और अशोक गहलोत खेमे के बीच की तनातनी का असर क्या अब राहुल की भारत जोड़ो यात्रा पर पड़ेगा? आख़िर गुर्जर नेता विजय सिंह बैंसला के विरोध की चेतावनी के क्या मायने हैं?
राहुल गांधी अपने 3500 किलोमीटर भारत जोड़ो यात्रा के कार्यकाल के दौरान कई राज्यों में अच्छा समय बिता रहे होंगे। लेकिन उन्हें गुजरात के लिए उपयुक्त समय क्यों नहीं मिल रहा है, जहां चुनाव प्रचार जोरों पर है। उन्होंने राज्य को केवल दो दिन आवंटित किए हैं। क्या कांग्रेस ने गुजरात से पहले ही हार मान ली है?
भारत जोड़ो यात्रा का क़ाफ़िला महाराष्ट्र के रास्ते से मध्य प्रदेश पहुँचा है। राहुल गांधी ने मालवा और निमाड़ के जिस मार्ग को अपनी यात्रा का मुख्य हिस्सा बनाया है उसमें कुल 66 सीटें हैं। आमतौर पर इस क्षेत्र में ज़्यादा सीटें जीतने वाला दल ही राज्य की सत्ता को हासिल करता रहा है।
अब मोदी भी भारत जोड़ो यात्रा पर हमले क्यों करने लगे हैं? क्या वे भी राहुल की यात्रा से घबरा गए हैं? क्या इसकी वज़ह गुजरात चुनाव पर यात्रा के असर को कम करना है? क्या यात्रा को षड़यंत्रकारी बताकर वे अपने डर का प्रदर्शन कर रहे हैं?
सावरकर की माफी का मुद्दा उठाकर राहुल गांधी ने संघ को फिर चुनौती दी तो उनके खिलाफ एफआईआर की गई ?राहुल गांधी के खिलाफ महाराष्ट्र में प्रदर्शन भी हुआ .आज की जनादेश चर्चा .
सावरकर पर राहुल की टिप्पणी से बवाल । सेना नाराज़ । गठबंधन टूटने की धमकी । राहुल के खिलाफ एफआईआर । कांग्रेस के खिलाफ शिंदे गुट का प्रदर्शन। क्या फँस गये राहुल गांधी ? आशुतोष के साथ चर्चा में राहुल देव, प्रकाश पोहरे, रवि आंबेकर, पंकज श्रीवास्तव और सुनील चिटनीस
राहुल गांधी की यात्रा के मध्य प्रदेश पहुंचने से ठीक पहले मिले इस खत से सनसनी फैल गई है। यह पत्र, डाक से जूनी इंदौर में स्थित गुजराती स्वीट पर पहुंचा है। हाथ से लिखे इस पत्र में 1984 के दंगों का विशेष रूप से उल्लेख करते हुए कांग्रेस के नेताओं को जमकर आड़े हाथों लिया गया है। खत में और क्या लिखा गया है?
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में सावरकर का नाम क्यों? और वो भी महाराष्ट्र में? आखिर राहुल गांधी का इरादा क्या है? सावरकर के नाम पर वो आज क्या हासिल करना चाहते हैं?
राहुल का ये दावा कितना सही है कि उनकी यात्रा ने बीजेपी की घृणा की राजनीति के ख़िलाफ़ एक नया विचार खड़ा कर दिया है? क्या है यात्रा से निकला ये नया नरैटिव? क्या देश के अवाम इस नए नरैटिव को समझ पा रहे हैं? इस नरैटिव को कितनी स्वीकार्यता मिल रही है? क्या ये नरैटिव मोदी-शाह की राजनीति को उलटने की ताक़त रखता है?
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से क्या कांग्रेस को कुछ फायदा हो रहा है? महाराष्ट्र में कांग्रेस के लिए यह किस तरह का साबित होगा? क्या राहुल की छवि अब बदली हुई दिखेगी?
भारत जोड़ो यात्रा पर तमाम राजनीतिक विश्लेषकों ने रविवार को अपनी राय दी। सभी लोग इस बात पर एकमत हैं कि यह यात्रा राहुल गांधी को एक गंभीर नेता तो बना देगी लेकिन...पढ़िए पूरा विश्लेषणः
पीएम मोदी के दक्षिण भारत के राज्यों के दौरे का क्या मतलब है? राहुल गांधी की यात्रा को काउंटर करना चाहते हैं मोदी? भारत जोड़ो यात्रा का अभी तक किसना असर ? Alok Adda में आज इसी विषय पर चर्चा.