भारत के कट्टरपंथी टीवी चैनल और अन्य मीडिया किसी तरह का सबक सीखने को तैयार नहीं है। बांग्लादेश में हिंसा के बाद बड़े पैमाने पर वहां मुस्लिम युवक मंदिरों की सुरक्षा कर रहे हैं। अतंरराष्ट्रीय मीडिया ने भी इसकी रिपोर्टिंग की है। लेकिन आपदा में अवसर की तलाश करने वाले टीवी चैनल हिन्दू भावनाओं को भारत में भड़का रहे हैं। ग्लादेश में जब शांति लौटेगी तो सारा दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। लेकिन यह स्थिति उस जनता के लिए खतरनाक है जो इन कट्टरपंथी चैनलों पर यकीन करती है। वरिष्ठ पत्रकार पंकज श्रीवास्तव का विश्लेषण पढ़िए और सच्चाई जानिएः