चुनाव आयोग ने वाराणसी में ईवीएम पकड़े जाने की घटना के सिलसिले में वाराणसी के एडीएम एन के सिंह को निलंबित कर दिया है। ये वही चुनाव आयोग है जो आज सुबह तक वाराणसी की घटना पर लीपापोती कर रहा था।
कांग्रेस इस बात पर नजर रख रही है कि बीजेपी उसके विधायकों में किसी तरह की तोड़फोड़ ना कर सके। इसलिए वह विधायकों को चुनाव नतीजे आने के तुरंत बाद राजस्थान शिफ्ट करने की तैयारी में है।
वाराणसी के कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने स्वीकार किया है कि ईवीएम के मूवमेंट में प्रोटोकॉल टूटा था। लेकिन चुनाव आयोग ने इस बयान का न तो संज्ञान लिया और न ही कार्रवाई की। चुनाव आयोग यह साबित करने में जुटा है कि यूपी में चुनाव निष्पक्ष हुए हैं।
चुनावी घमासान के बाद वक्त अब नतीजों का है। देखना होगा कि उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर, पंजाब और गोवा में कौन सा राजनीतिक दल सरकार बनाता है। पढ़िए चुनावी रुझान पर लाइव अपडेट।
विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद बीजेपी के 'मास्टर स्ट्रोक’ से बचने की तैयारी में कांग्रेस जुटी है, लेकिन क्या वह विधायकों को अपने पाले में बरकरार रख पाएगी?
उत्तर प्रदेश में सातवें चरण की वोटिंग ख़त्म होते ही एग्ज़िट पोल में उत्तर प्रदेश में बीजेपी और उसके सहयोगी दलों के लिए स्पष्ट जीत की भविष्यवाणी की गई है। जानिए, इस जीत के क्या मायने हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री और सपा प्रमुख अखिलेश यादव एग्जिट पोल से इत्तेफाक नहीं रखते। उन्होंने कहा है कि समाजवादी पार्टी और उसके सहयोगी दल उत्तर प्रदेश में अगली सरकार बनाएंगे।
70 सीटों वाले उत्तराखंड में अगर किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलता है तो निश्चित रूप से निर्दलीयों या अन्य दलों से जो विधायक जीतेंगे उनका रोल बेहद अहम हो जाएगा।
कई एग्जिट पोल गोवा में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं दिखा रहे हैं। ऐसी स्थिति में निर्दलीय विधायकों और छोटी पार्टियों के समर्थन की जरूरत होगी और शायद इसीलिए कांग्रेस ने पहले से अपनी तैयारी शुरू कर दी है।