कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच चुनाव आयोग ने पाँच राज्यों में चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी है। जानिए, अपने फ़ैसले के बचाव में आयोग ने क्या कहा।
ओमिक्रॉन वैरिएंट के साथ ही कोरोना संक्रमण के कुल मामले बढ़ने के दौरान ही राजनेता दिन में चुनावी रैलियाँ कर रहे हैं और रात में कोरोना की समीक्षा बैठक। क्या ऐसे रुकेगा कोरोना?
ओमिक्रॉन के ख़तरे के बीच तीसरी लहर के जोर पकड़ने की आशंका है तो क्या ऐसे में चुनाव कराना ज़रूरी है? क्या कोरोना की दूसरी लहर से सीख ली गई है? जानिए, दूसरे देशों में कैसे फ़ैसले लिए गए।
कोरोना के ओमिक्रॉन संक्रमण के ख़तरे के बीच पाँच राज्यों में विधानसभा चुनाव होंगे या नहीं? चुनाव आयोग के संभावित फ़ैसले पर अभी से ही क्यों हो रहा है विवाद?
केंद्र सरकार ने विधानसभा चुनाव वाले पाँच राज्यों में कोरोना टीकाकरण की रफ़्तार बढ़ाने को कहा है। तो क्या उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव नहीं टाला जाएगा?
ओमिक्रॉन वैरिएंट के जोखिम के बीच इलाहाबाद हाई कोर्ट के आग्रह पर क्या विधानसभा चुनाव टाले जाएंगे? आख़िर चुनाव आयोग राज्यों में चुनावी तैयारियों का जायजा क्यों ले रहा है?
डेल्टा से भी तेज़ी से फैलने वाले ओमिक्रॉन वैरिएंट के बीच चुनावी रैलियों और बड़ी-बड़ी भीड़ इकट्ठा करने का क्या असर होगा? दूसरी लहर के लिए चुनावी सभाएँ कितनी ज़िम्मेदार थीं और क्या इससे सीख ली गई?
अगले साल कई राज्यों में होने वाले चुनावों से पहले कांग्रेस की इस बड़ी रैली के क्या हैं मायने? क्या होगा इस रैली का बीजेपी के लिए और ममता बनर्जी के लिए संदेश?