भारतीय चुनावों में अल्पसंख्यक हमेशा से ही निर्णायक भूमिका निभाते रहे हैं। इसलिए राजनीतिक पार्टियां खुद को उनका चहेता दिखाने की कोशिश करती रही हैं। लेकिन इस बार बंगाल में बीजेपी से लेकर ममता बनर्जी भी हिंदू दिखने पर अधिक जोर दे रही हैं। मंच से चंडी का पाठ किया जा रहा है। कोई मुसलमानों को लेकर बात नहीं कर रहा है। तो क्या मुसलमानों की किसी को ज़रूरत नहीं है? इसी मुद्दे पर वरिष्ठ पत्रकार विजय त्रिवेदी की बेहद रोचक चर्चा।