इस वक़्त मोदी की अमेरिका यात्रा और उनके 'हाउडी मोदी' कार्यक्रम पर आलोचनात्मक टिप्पणी करना ख़तरे से ख़ाली नहीं है। चारों तरफ़ ख़ुशफ़हमी का माहौल खड़ा कर दिया गया है। लेकिन क्या सच में ऐसा है?
क्या बीजेपी को पता है कि जब-जब हिंदी को राष्ट्रीय भाषा बनाने का प्रयास किया गया है, तीख़ा विरोध हुआ है और हिंदी विरोधी आंदोलन में लोगों की जानें गई हैं। क्या बीजेपी इतिहास से सबक लेगी?
आरएसएस और हिंदुत्ववादी भारत के मुसलमानों को औरंगज़ेब से प्रेरित क्यों मानते हैं और क्यों उन्हें गाहे-बगाहे औरंगज़ेब के भाई दारा शिकोह के रास्ते पर चलने की सलाह देते हैं?
सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में जजों की नियुक्ति को लेकर पहले भी सवाल उठते रहे हैं लेकिन हाल के दिनों में इसके बारे में कई गंभीर प्रश्न खड़े हो गये हैं। अब जस्टिस मदन बी लोकुर ने भी सवाल उठाए हैं।
केजरीवाल सरकार ने जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार पर राजद्रोह का मुक़दमा चलाने की अनुमति दे दी है। जबकि पहले सरकार ने इसकी अनुमति देने से इंकार कर दिया था।
दो दिन पहले जाने-माने पत्रकार आशुतोष को किसी ने फ़ोन पर धमकी दी कि वह यदि उनको कहीं राह चलते मिल गए तो वह उन्हें जान से मार डालेगा। ऐसे में अब आशुतोष को क्या करना चाहिए?
ऐसे में एक मासूम युवा अगर मुझे देश का दुश्मन मान ले और फ़ोन पर जान से मारने की धमकी दे या देशभक्ति के जज़्बे में आकर मुझे गोली मार दे तो इसके लिये कौन ज़िम्मेदार होगा?
रवीश कुमार कहते हैं कि जाति के आधार पर नफ़रत की सामाजिक मान्यता है। रवीश क्यों कहते हैं कि जो समाज जातिगत नफ़रतों को लेकर बड़ा हो रहा हो वह सेक्युलर नहीं हो सकता है? क्या इसीलिए उन्होंने अपने नाम से सरनेम हटा लिया? देखिए आशुतोष और शीतल पी सिंह की रवीश कुमार से बातचीत।
क्या जम्मू-कश्मीर के दो हिस्से करने से कश्मीर समस्या का समाधान हो जायेगा? क्या कश्मीर में आतंकवाद ख़त्म हो जायेगा? क्या आतंकवादी हिंसा पूरी तरह से दब जायेगी? पढ़िए, चार साल पहले आशुतोष ने क्या लिखा था।
धोनी को लेकर आजकल ये अटकलें लगायी जा रही हैं कि उसे संन्यास ले लेना चाहिए। 38 साल की उम्र में वह टीम का भविष्य नहीं हो सकता। कप्तान विराट कोहली उसे पसंद करते हैं। तो धोनी की टीम में क्या होगी जगह?
भारत में पश्चिमी शिक्षा की नींव रखने का श्रेय लॉर्ड मैकाले को जाता है। इस शिक्षा के कारण ही भारत में पुनर्जागरण हुआ और उसका ही नतीजा था कि भारत में अंग्रेज़ी दासता से मुक्त होने की सुगबुगाहट शुरू हुई।
पुरानी दिल्ली के हौज़ क़ाज़ी क्षेत्र में दो समुदाय में तनाव है। कुछ ही समय में दिल्ली में विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनाव से पहले तनाव क्यों फैला? क्या इस तनाव का आने वाले चुनाव से कोई संबंध है? देखिए वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष और शीतल पी सिंह की चर्चा।