बीजेपी के पूर्व मंत्री चिन्मयानंद के ख़िलाफ़ लड़की के आरोपों में कितना दम है? प्रियंका गाँधी ने तो आरोप लगाया है कि आवाज़ उठाने वाली लड़की लापता है या कर दी गयी है। पहले भी उनके आश्रम की एक साध्वी ने ऐसे ही कई आरोप लगाए थे। देखिए आशुतोष की बात में क्या है सचाई!
कश्मीर में क्या हालात हैं? वहाँ लोग किन परिस्थितियों में रह रहे हैं? वहाँ वास्तव में हो क्या रहा है? कश्मीर की सचाई को मीडिया क्यों नहीं दिखा रहा है? देखिए आशुतोष की बात में क्यों है ऐसी स्थिति।
अनुच्छेद 370 में बदलाव के तीन हफ़्ते बाद भी जम्मू-कश्मीर में फ़ोन लाइन, इंटरनेट बंद हैं। आवाजाही बाधित है। सरकारी कार्यालय और कुछ स्कूल खुले हैं, लेकिन उपस्थिति न के बराबर है? इसे क्या हालात सामान्य कहेंगे? देखिए 'आशुतोष की बात' में स्वतंत्र रूप से कश्मीर पर विचार रखने वाले सलमान निज़ामी के साथ चर्चा।
भारत की अर्थव्यवस्था की हालत ख़राब है। ऑटोमोबाइल सेक्टर में अफरा-तफरी है। बेरोज़गारी रिकॉर्ड स्तर पर है। विनिर्माण क्षेत्र की हालत ख़स्ता है। क्या ऐसी अर्थव्यवस्था को बचा पाएँगी निर्मला सीतारमण? देखिए आशुतोष की बात में वरिष्ठ पत्रकार शैलेश से चर्चा।
सीबीआई ने आख़िर क्यों पी. चिदंबरम के घर की दीवार लांघी? क्या गिरफ़्तारी सामान्य तरीक़े से नहीं हो सकती थी? जैसा कि कांग्रेस आरोप लगा रही है, क्या पी. चिदंबरम के मामले में राजनीतिक बदले की कार्रवाई की जी रही है? देखिए आशुतोष की बात में विशेष रिपोर्ट।
चिदंबरम के ख़िलाफ़ कार्रवाई पर कांग्रेस के नेताओं ने आरोप लगाया है कि सीबीआई और ईडी की यह कार्रवाई राजनीतिक बदले की कार्रवाई है। कई विपक्षी नेताओं पर भी कार्रवाई हुई तो ऐसे ही आरोप लगाए गए। देखिए 'आशुतोष की बात' में वरिष्ठ पत्रकार शैलेष के साथ चर्चा।
पी. चिदंबरम की गिरफ़्तारी से क्या बच पाएँगे? दिल्ली हाई कोर्ट से उन्हें राहत नहीं मिली। सीबीआई टीम उनके घर पर पहुँच गई लेकिन चिदंबरम वहाँ नहीं मिले। अब सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है। लेकिन क्या उन्हें वहाँ राहत मिलेगी? देखिए 'आशुतोष की बात' में क्या होगा आगे?
कश्मीर के हालात लगातार चुनौतीपूर्ण बने हुए हैं। सरकार के प्रयास के बावजूद स्थिति क्यों नहीं सुधर रही है? क्या पाकिस्तान और आतंकवाद इसके आड़े आ रहे हैं? देखिए 'सत्य हिंदी' पर 'आशुतोष की बात' में क्या हैं सरकार के सामने चुनौतियाँ।
रवीश कुमार कहते हैं कि एक समय उनके पास पैसे नहीं थे। वह काम की तलाश में थे। लेकिन जब एनडीडीवी में नौकरी मिली तो रवीश कुमार घबरा गए थे। वह तब क्यों घबरा गए थे? देखिए आशुतोष और शीतल पी सिंह की रवीश कुमार के साथ बातचीत का अंश। सत्य हिंदी पर।
जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 में फेरबदल के बाद कैसी है स्थिति? क्या स्थित सुधरी है या और बिगड़ी है? ईद पर लोगों ने क्या सच में ख़ुशियाँ मनाईं? देखिए 'सत्य हिंदी' के लिए 'आशुतोष की बात' में स्वतंत्र रूप से कश्मीर पर विचार रखने वाले सलमान निज़ामी के साथ चर्चा।
क्या अब्दुल्ला और मुफ़्ती परिवार ही ज़िम्मेदार हैं? राजा हरि सिंह ने 15 अगस्त 1947 के पहले कश्मीर का भारत में विलय क्यों नहीं किया, स्वायत्तता की माँग क्यों की? दूसरे पक्ष को क्यों नहीं देखा जा रहा है?
रवीश कुमार कहते हैं कि जब उन्हें पहली बार रिपोर्टिंग की ज़िम्मेदारी दी गई तो वह डर गए थे। रिपोर्टिंग से क्यों डर लगता था उन्हें? लेकिन जिस चीज़ से डरते थे उसी को ताक़त बना कर वह रवीश कुमार बन गए।
अनुच्छेद 370 में फेरबदल के बाद यह आशंका जतायी जा रही है कि पाकिस्तान घाटी में आतंकवाद को बढ़ावा देने की बड़ी साज़िश रच सकता है। पाकिस्तान बुरी तरह से छटपटा रहा है लेकिन क्या वह ऐसा करने में सक्षम है?
आशुतोष कैसे याद करते हैं सुषमा स्वराज की राजनीति को? वह क्यों सवाल पूछते हैं कि क्या उन्हें प्रधानमंत्री नहीं होना चाहिए था? देखिए आशुतोष से साथ इन्हीं सवालों के जवाब।
अनुच्छेद 370 को ख़त्म होने की प्रक्रिया जल्द ही पूरी होने की संभावना है और जम्मू-कश्मीर दो हिस्सों में बाँट दिया गया है। लेकिन अमित शान ने जो दावा किया है कि इससे आतंकवाद ख़त्म हो जाएगा, क्या वास्तव में ऐसा हो पाएगा? देखिए सत्य हिंदी के लिए आशुतोष की बात में वरिष्ठ पत्रकार शैलेश के साथ बातचीत।