लॉकडाउन बढ़ाने का मोदी का फ़ैसला सही या ग़लत? आखिर क्यों बढ़ाना पड़ा लॉकडाउन? क्या ग़रीब बे-बीमारी नहीं मारा जायेगा? आशुतोष के साथ चर्चा में आलोक जोशी, विजय त्रिवेदी, रामदत्त त्रिपाठी।
मोदी ने मुख्यमंत्रियों से क्यों किया कांफ्रेस ? क्यों नहीं आज किया लाकडाउन आगे बढ़ाने का फ़ैसला ? क्या लाकडाउन से अर्थव्यवस्था और चौपट नहीं होगी ?
'सत्य हिन्दी' के साथ आपकी सहभागिता और बढ़ेगी, तो गोदी मीडिया के इस दौर में स्वतंत्र पत्रकारिता और भी मज़बूती से टिक पायेगी।
कब बढ़ेगा लॉकडाउन? क्या कम्यूनिटी ट्रांसमिशन के चरण में पहुँच गया कोरोना? और क्यों निजी लैब नहीं करना चाहती मुफ़्त में कोरोना टेस्ट? देखिए आशुतोष की बात।
एक बार फिर मॉब लिंचिंग। दिल्ली में एक मुसलिम लड़के पर जानलेवा हमला। कोरोना फैलाने की साज़िश का आरोप लगाया। तब्लीग़ी की आड़ में जिस तरह से मुसलिम समुदाय पर निशाना दक्षिणपंथी तबक़ा और मीडिया कर रहा है, क्या ये उसकी नतीजा है? देखिए आशुतोष की बात।
पिछले महीने मोदी ने देश से 21 दिन माँगे थे कोरोना को हराने के लिये। पर क्या 21 दिन में वो कोरोना को हरा पाये? क्यों नहीं हरा पाये? क्यों कोरोना को रोकने के लिये लॉकडाउन को बढ़ाना पड़ेगा? देखिए आशुतोष की बात।
ट्रंप के पास क्लोरोक्वीन का भंडार है! फिर वो भारत को धमकी क्यों दे रहे हैं? क्या अमेरिका को भारत की परवाह नहीं है? क्या मोदी सरकार को अमेरिका को क्लोरोक्वीन देना चाहिये? देखिए आशुतोष की बात।
तब्लीग़ी के मौलाना साद ग़लती मानने को तैयार नहीं हैं। उनका जवाब आया है। वे इसे साज़िश क़रार दे रहे हैं। कह रहे हैं कि तब्लीग़ी को बदनाम किया जा रहा है। अपनी बेवक़ूफ़ी की वजह से हज़ारों लोग की जान जोखिम में डालने वाले इस शख़्स को कब अक़्ल आयेगी? देखिए आशुतोष की बात।
क्या अर्थव्यवस्था बचाने कि लिये लॉकडाउन हटा लेना चाहिए? किससे ज़्यादा नुक़सान होगा, कोरोना से या लॉकडाउन से? आख़िर कितनी बदहाल होगी अर्थव्यवस्था? CNBC Awaaz के पूर्व सम्पादक आलोक जोशी से बात की आशुतोष ने।
सरकार ने क्यों सु्प्रीम कोर्ट से कहा कि वो आदेश दे कि मीडिया कोरोना पर खबर बिना सरकार से कंफर्म किये न चलाये? क्या ये ख़बरों को सेंशर करने की कोशिश नहीं थी? आख़िर सरकार क्यों मीडिया पर कंट्रोल चाहती है? देखिए आशुतोष की बात।
तबलीग ए जमात का अपराध माफी के लायक नहीं है। कड़ी क़ानूनी कार्रवाई हो। लेकिन कोरोना में भी हिंदू मुसलमान करने वाले लोग कौन हैं? क्यों मीडिया का एक वर्ग ज़हर फैलाने में लगा है? देखिए आशुतोष की बात।
अमेरिका जर्मनी, ब्रिटेन, स्पेन कोरोना से लड़ने के लिये अपनी बजट का 10 से 15 फ़ीसदी खर्च कर रहे हैं । सरकार का पैकेज सिर्फ 0.9 फ़ीसदी ही है । क्या ऐसे निपट पायेंगे कोरोना कहर से ?