सोशल मीडिया पर लिखोगे तो नीतीश जेल भेज देंगे । नीतीश इतने निष्ठुर कैसे हो गये ? आशुतोष के साथ चर्चा में राहुल देव, शैलेश, अकु श्रीवास्तव, समी अहमद, आलोक जोशी !
क्या बीजेपी को अपनी राजनीति के लिये ओवैसी ज़रूरी है ? क्या ओवैसी बीजेपी विरोधी दलों को कमजोर कर रहे हैं ? आशुतोष के साथ चर्चा में ज़फ़र सरेसवाला, समी अहमद, विजय त्रिवेदी, नीरेंद्र नागर, आलोक जोशी।
अदालत मे क्यों मुँह की खानी पड़ी सरकार को ? अदालत क्यों आंदोलन में दखल दे ? आशुतोष के साथ चर्चा में विकास सिंह, आलोक जोशी, विनोद अग्निहोत्री, विकास गुप्ता और राहुल राज !
मोदी के प्रधानमंत्री बनने के समय से ही वसुंधरा राजे सिंधिया के सितारों पर ग्रहण लग गया । अब वो बग़ावत की मुद्रा में है क्या ? आशुतोष के साथ चर्चा में विजय त्रिवेदी, आलोक जोशी, संजीव श्रीवास्तव, अनिल शर्मा ।
ट्रंप की राजनीति सिर्फ अमेरिका तक ही सीमित ? नफरत/झूठ की राजनीति भारत में भी ? भारत के लिये सबक ? आशुतोष के साथ चर्चा में यशवंत देशमुख, आलोक जोशी, देशरतन निगम, शाहिद सिद्दीक़ी, रविकांत ।
बिहार में कांग्रेस क्या टूट जायेगी ? बीजेपी के साथ नीतीश असहज क्यों ? लालू नीतीश फिर साथ साथ ? आशुतोष के साथ चर्चा में आलोक जोशी, विनोद अग्निहोत्री, समी अहमद और ऋशी मिश्रा
क्या योगी आदित्यनाथ बीजेपी के मुखमंत्रियों के लिये नये कोल माडल हैं ? शिवराज जैसा CM उनकी नक़ल क्यों कर रहा है ? क्या वो असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। आशुतोष के साथ चर्चा में विजय त्रिवेदी, आलोक जोशी, राजेश बादल, दीपक तिवारी, संजीव श्रीवास्तव ।
आंदोलन पर बैठे एक किसान मे आत्म हत्या कर ली । कई किसानों की आंदोलन के दौरान जान चुकी है । सरकार इतनी निष्ठुर कैसे हो सकती है ? आशुतोष के साथ चर्चा में पुष्पेंद्र चौधरी, अविक साहा, गोपाल कृष्ण अग्रवाल, आलोक जोशी
मुसलमानों को कौन बरगला रहा है ? कोरोना वैक्सीन पर कौन अफ़वाह फैला रहा है ? आशुतोष के साथ चर्चा में युसुफ अंसारी, मौलाना अकबर दहलवी, हकीम अनवरुल इस्लाम, मौलाना अब्बास।
बिहार में बीजेपी ने नीतीश को बेबस कर दिया है । अरुणाचल मे उनके विधायक तोड लिये । कब तक सहेंगे नीतीश ? आशुतोष के साथ चर्चा में सतीश के सिंह, कन्हैया भेलारी, समी अहमद ।
दिल्ली दंगों में मुस्लमानों के वकील महमूद प्राचा के आफिस पर पुलिस ने 15 घंटे छापा मारा । आशुतोष से उन्होने कहा कि दंगों के तार बहुत ऊपर तक है । पुलिस उन्हीं सबूतों को लेने ज़बरन आयी थी ।