अडानी मामले पर विपक्ष हमलावर है । संसद फिर नहीं चली । सड़क पर कांग्रेस ने धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है । उधर, शेयर बाज़ार में भी झटका लगता रहा ? क्या ये मोदी के लिये गले की हड्डी बन गया है ! आशुतोष के साथ चर्चा में विनोद शर्मा, प्रिया सहगल, पूर्णिमा त्रिपाठी, राजीव रंजन सिंह और शिवकांत ।
अडानी पर राहुल गांधी लगातार तीखे हमले कर हैं । लेकिन जब से ये मामला सामने आया है तब के वो चुप हैं ? क्यों ? उधर सेबी ने पहली बार मुँह खोला है । वित्त मंत्री भी बोली लेकिन किसी ने अडानी का नाम नहीं लिया । क्यों ?
अडानी मामले में पहली बार बोली मोदी सरकार । लेकिन अभी भी चुप है प्रधानमंत्री मोदी ? विपक्ष फिर हमलावर । अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अड़ानी अलग थलग पडे । क्या होगा असर इस संकट का भारतीय अर्थव्यवस्था पर ? क्या सरकार ने अड़ानी को अकेला छोड़ दिया ?
अडानी की वजह से मुसीबत में फँस गयी है मोदी सरकार । संसद में विपक्ष का हंगामा । सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई में जाँच या फिर जेपीसी जाँच की माँग की विपक्ष ? क्या सरकार मानेगी विपक्ष की माँग ? क्या मोदी सरकार की ये सबसे बड़ी मुसीबत है ?
मोदी का 2024 के चुनाव के पहले का आख़िरी बजट । चुनाव जीतने के हथकंडे या फिर विकास को तेज़ी देगा बजट ? क्या से बजट रिफार्म लेकर आयेगा या फिर छलावा ज़्यादा है ? आशुतोष के साथ चर्चा में प्रो संतोष मेहरोत्रा, कार्तिकेय बत्रा, मधुरेंद्र सिन्हा और हरजिंदर ।
अडानी पर हिंडनबर्ग के गंभीर आरोप । अडानी के जवाब पर हिंडनबर्ग ने कहा कि तिरंगे में लिपट कर सुनियोजित तरीक़े से अडानी ने की लूट । इस मामले में आम आदमी पार्टी और KCR की BRS ने राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया । आप सांसद संजय सिंह ने पीएम को चिट्ठी लिख जाँच की माँग की है ।
राहुल की पद यात्रा खतम । बर्फ़बारी के बीच राहुल । लेकिन सवाल राहुल की यात्रा ने कांग्रेस का शक्ल बदल दी है ? क्यों मोदी के नैरेटिव के सामने एक वैकल्पिक आख्यान प्रस्तुत कर दिया है ? क्या आरएसएस पर हमला करना राहुल के लिये ज़रूरी था ? क्या पठान फ़िल्म ने हिंदुत्ववादियों को मैसेज दे दिया है ? क्या रामचरितमानस का विरोध जायज़ है ? इन तमाम सवालों पर आशुतोष ने जाने माने बुद्धिजीवी पुरुषोत्तम अग्रवाल से बात की !
पठान फ़िल्म की कामयाबी क्या महज एक फ़िल्म की कामयाबी है या फिर उस नैरेटिव का जवाब है जो समाज में धर्म की ठेकेदारी कर रहे हैं या जो नफ़रत की दुकान चला रहे हैं ? अब सूचना प्रसारण मंत्री फ़िल्म बहिष्कार संस्कृति की निंदा कर रहे हैं और भारतीय फ़िल्मों के साफ्ट पावर का ज़िक्र कर रहे हैं ? पहले क्यों नहीं किया दखल ?
BBC की फिल्म के क्या मोदी को नुक़सान होगा ? क्या छवि ख़राब होगी ? क्या अंतरराष्ट्रीय मंच पर उनकी प्रतिष्ठा पर धक्का लगेगा ? या फिर इस विडियो से मोदी की हिंदू नेता की छवि और मज़बूत होगी ? हिंदू वोट और मज़बूत होगा ?
भारत जोड़ों यात्रा 30 जनवरी को खत्म हो रही है । योगेन्द्र यादव ने पूरी यात्रा चली है । क्या है इस यात्रा का मक़सद ? क्या यात्रा ने राहुल की छवि को बदली है ? क्या ये
यात्रा देश की राजनीति को बदल रही है ? क्यों ये यात्रा ज़रूरी थी ? आशुतोष ने योगेन्द्र से विस्तार से बात की ।
बीबीसी की गुजरात फिल्म पर हंगामा जारी है । जेएनयू में फिल्म की स्क्रीनिंग ने हो इसलिये बिजली काट दी गयी, इंटरनेट को बंद कर दिया गया, फिल्म देखने वालों पर पत्थर फेंके गये । जामिया में पुलिस बुला ली गई ? आख़िर इतनी घबराई हुयी क्यों है सरकार ? क्या प्रधानमंत्री को इस फिल्म ये इतना डर लगता है ?
सरकार और सुप्रीम कोर्ट में घमासान जारी । क़ानून मंत्री का हमला जारी । कहाँ जज कोई चुन कर आते हैं ? सुप्रीम कोर्ट ने भी जजों की फ़ाइल पब्लिक की ? क्या इससे सुप्रीम कोर्ट की गरिमा को सरकार जानबूझकर गिरा रही है ? आशुतोष के साथ चर्चा में दिनेश द्विवेदी, राकेश सिन्हा, गौतम लाहिड़ी, सरीम नावेद और महमूद आबिदी ।
आख़िर बीबीसी की फिल्म को रुकवाने से किसको फ़ायदा होगा ? इस फिल्म में एक भी तथ्य नया नहीं है ? एक भी ऐसी चीज नहीं है जो लोगों को पता न हो ? जब सुप्रीम कोर्ट से क्लीन चिट मोदी को मिल चुकी है तो फिर डर काहे का ? आशुतोष के साथ चर्चा में विनोद अग्निहोत्री, अरविंद सिंह और पंकज श्रीवास्तव ।
प्रेस की आज़ादी पहले से ही ख़तरे में है । अब मोदी सरकार एक नया नियम बनाने जा रही है जिसका ड्राफ़्ट सामने आया है । सरकारी एजेंसी को अधिकार दिया जायेगा कि वो तय करे कि फेक न्यूज़ क्या है और फिर सोशल मीडिया के लिये ऐसी खबर को हटाना अनिवार्य होगा । एडिटर्स गिल्ड के मुताबिक़ ये सेंसरशिप लगाने की तैयारी है । क्या वाकई देश में स्वतंत्र प्रेस पूरी तरह खतम करने की तैयारी चल रही है ?
क्यों नहीं हो रही है विपक्षी एकता की कोशिश ? क्यों सुस्त पड़ गये हैं नीतीश ? क्या है ममता का मूड ? क्यों केसीआर, अखिलेश और केजरीवाल क्या विपक्षी एकता के सबसे बड़े दुश्मन है ? क्या विपक्षी एकता की समय से पहले ही मौत हो गयी है ?