तमाम सियासी झंझावात से जूझ रही राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने शुक्रवार को विधानसभा में विश्वास मत हासिल कर लिया है। इससे राज्य में सरकार बनाने का सियासी ख़्वाब देख रही बीजेपी को जोरदार झटका लगा है।
राजस्थान में राजनीतिक संकट शुरू होने के क़रीब एक महीने की तनातनी के बाद अशोक गहलतो और पायलट आज आमने-सामने होंगे। गहलोत और पायलट आज कांग्रेस विधायक दल की बैठक में शामिल होंगे।
सचिन पायलट की बग़ावत ठंडी करने में कामयाबी क्या कांग्रेस में युवा खेमे की रणनीतिक जीत है? कम से कम पायलट प्रकरण को निपटाने संबंधी विवरण जो मीडिया में छनकर आ रहा है उसके पीछे तो यही संदेश देने की कोशिश दिख रही है।
कांग्रेस आलाकमान ने भले ही बाग़ी नेता सचिन पायलट को मना लिया हो लेकिन उनके और अशोक गहलोत के बीच यह घमासान ख़त्म होगा, ऐसा कहीं से नहीं लगता। Satya Hindi
आखिर क्यों और कैसे फँसे हुये हैं मोदी? क्यों नहीं बर्खास्त करते राजस्थान सरकार को, जैसे कि उत्तराखंड और अरुणाचल की सरकारें के संबंध में किया! क्या है मजबूरी!
राजस्थान में जारी राजनीतिक संकट के बीच अशोक गहलोत सरकार ने 31 जुलाई से विधानसभा सत्र के लिए राज्यपाल कलराज मिश्र के पास ताज़ा प्रस्ताव भेजा है। इसमें सरकार ने कोरोना वायरस और दूसरे बिल पर चर्चा का ज़िक्र किया है।
राजस्थान में जारी सियासी संकट के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री मोदी को चिट्ठी लिखी है। उन्होंने आरोप लगाया है कि उनकी सरकार को गिराने का प्रयास किया जा रहा है।
राजस्थान के बहाने कांग्रेस की लड़ाई सड़क से लेकर अदालत तक पहुँच गई है और लगता है कि राजनेताओं ने आचार-व्यवहार की भी सभी सीमाएँ लाँघ दी हैं। कल तक एक-दूसरे के साथ गले मिलने वाले लोग अब एक-दूसरे का गला काटने पर उतारू हो गए हैं।
राजस्थान कांग्रेस में चल रही उठापटक और राज्य सरकार पर गहराए संकट के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि इस सबके पीछे बीजेपी का हाथ है। मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि हमारे पास ख़रीद-फ़रोख्त के सबूत हैं।
सचिन पायलट द्वारा अशोक गहलोत सरकार के अल्पमत में होने का बयान जारी करने के बाद देर रात को कांग्रेस ने रात ढाई बजे एक बयान में कहा कि उसके पास 109 विधायकों का समर्थन है।