यूपी के आगामी विधानसभा चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी ने 100 सीटों पर चुनाव लड़ने का एलान किया है। हालाँकि, ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम का यहाँ कोई विशेष जनाधार नहीं है।
ओमप्रकाश राजभर ने यह कहकर उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक नई हलचल पैदा कर दी है कि असदुद्दीन ओवैसी भी उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बन सकते हैं। आंध्र प्रदेश, तेलंगाना में सीएम तो बन नहीं पाए!
ओम प्रकाश राजभर ने हाल ही में अपने 'भागीदारी संकल्प मोर्चा' की तरफ़ से 5 साल में 5 मुख्यमंत्री और 20 उपमुख्यमंत्री बनाने का ऐलान किया था। राजभर मुसलमानों के बड़े मसीहा के तौर पर उभरेंगे या फिर पिछले चुनाव में जीती हुई अपनी चारों सीटें भी गँवा देंगे?
ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने रविवार को उत्तर प्रदेश में 100 सीटों पर विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। यूपी चुनाव लड़ने का उनका मक़सद क्या है?
क्या बीजेपी को अपनी राजनीति के लिये ओवैसी ज़रूरी है ? क्या ओवैसी बीजेपी विरोधी दलों को कमजोर कर रहे हैं ? आशुतोष के साथ चर्चा में ज़फ़र सरेसवाला, समी अहमद, विजय त्रिवेदी, नीरेंद्र नागर, आलोक जोशी।
उत्तर प्रदेश के उन्नाव से बीजेपी सांसद साक्षी महाराज ने असदउद्दीन ओवैसी के बारे में कहा है, " भगवान उन्हें शक्ति दें। उन्होंने पहले बिहार में हमारी मदद की, अब वे उत्तर प्रदेश और बाद में पश्चिम बंगाल में हमारी मदद करेंगे।"
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। बीजेपी सांसद साक्षी महाराज बोले - ओवैसी यूपी में भी हमारा साथ देंगे । ममता बनर्जी के भाई ने दिए भाजपा में शामिल होने के संकेत
वृहत हैदराबाद नगर निगम चुनाव के नतीजों का क्या संदेश है? क्या सेक्युलर दलों से उठ रहा मुसलमानों का भरोसा, किस बात का इशारा है ओवैसी की बढ़ती स्वीकार्यता?
हैदराबाद में नगर-निगम के चुनाव और उसके परिणाम स्थानीय नहीं, अंतरराष्ट्रीय चुनाव साबित हो सकता है। जिन्ना ने तो सिर्फ़ एक पाकिस्तान खड़ा किया था लेकिन अब भारत में दर्जनों पाकिस्तान उठ खड़े हो सकते हैं।
ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम के चुनाव नतीजों ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि बीजेपी की हिंदुत्ववादी ध्रुवीकरण की राजनीति उसे किस पैमाने पर कामयाबी दिला सकती है।
बिहार चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी ने पाँच सीटें क्या जीतीं, वे तमाम दलों के निशाने पर आ गए। अभी तक उन्हें बीजेपी का एजेंट भर कहा जाता था, मगर अब वे जिन्ना से लेकर गली के गुंडे तक जाने क्या-क्या कहे जाने लगे हैं। वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट-
मुसलिम नेता असदुद्दीन ओवैसी देश में लगातार संगठित और मज़बूत होते हिंदू राष्ट्रवाद के समानांतर अल्पसंख्यक स्वाभिमान और सुरक्षा का तेज़ी से ध्रुवीकरण कर रहे हैं।
कुछ लोग ओवैसी पर बीजेपी से पैसे लेने का आरोप भी लगाते हैं लेकिन जब उनसे यही बात सार्वजनिक रूप से बोलने को कहा जाता है तो वे पीछे हट जाते हैं। इस तरह के आरोपों से ओवैसी के समर्थक बढ़ते हैं।