मोदी सरकार श्वेतपत्र यूपीए सरकार पर ले आई तो कांग्रेस ने ब्लैकपेपर पेश किया। आख़िर इनके मायने क्या थे और क्या सच में किसके शासन में अर्थव्यवस्था ठीक रही?
नीतीश कुमार के पाला बदलने के बाद क्या राम मंदिर का मुद्दा अब चर्चा से गायब हो गया है? आख़िर नीतीश कुमार से बीजेपी को क्या फायदा होगा और क्या नीतीश को भी कुछ फायदा मिल पाएगा?
गांधी जिन वजहों से पश्चिमी सभ्यता को शैतानी कहते थे उनमें पश्चिम का अंध उपभोग भी एक बड़ा कारण था। यही पश्चिम अब गांधी के तौर-तरीकों जैसी मांग क्यों उठा रहा है?
राजनीति में क्या मुसलमानों के लिए अब जगह कम होती जा रही है? आज की भाजपा और सरकार अटल-आडवाणी वाले दौर से भी आगे निकल गई। तो बाक़ी दलों में क्या स्थिति है?
राजनीतिक दल बेरोजगारी पर वादा करते हैं, सवाल खड़े करते हैं और जब सत्ता मिलती है तो उसी सवाल से भाग खड़े होते हैं। नरेंद्र मोदी से लेकर तेजस्वी यादव तक यही भयावह सच है।
वैधता पर सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला आ गया तो इस पर सवाल नहीं उठने चाहिए। लेकिन क्या अब तक सरकार की तरफ़ से ही कोई यह कहने की स्थिति में है कि नोटबंदी का फ़ैसला अच्छा था? कोई भी फ़ायदा गिनाया जा सकता है?
शिक्षा की हालत सुधर रही है या ख़राब हो रही है? दिल्ली में शिक्षा के हालात पर राजनीति क्यों है? असम में स्थायी शिक्षकों के पद ख़त्म क्यों किये जा रहे हैं?
दुनिया भर में महंगाई बढ़ रही है और इसका असर राजनीति पर भी पड़ रहा है। जानिए, आख़िर अमेरिका कैसे निपट रहा है और ब्रिटेन के दो प्रधानमंत्रियों ने कैसे निपटने की कोशिश की। भारत इनसे सबक़ लेगा?
क्या गुजरात चुनाव में इस बार बीजेपी की हालत ख़राब है? क्या कांग्रेस और आम आदम पार्टी बीजेपी के लिए कड़ी चुनौती पेश कर रहे हैं? जानिए, प्रधानमंत्री मोदी के आज के बयान के मायने क्या हैं।