क्या अब केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद छोड़ देना चाहिए? दिल्ली सेवा कानून बनने के बाद अब उनके पास क्या अधिकार रह जाएंगे? एक लाचार मुख्यमंत्री की तरह काम करने से उन्हें क्या फ़ायदा या नुक़सान होगा? क्या उन्हें कोई भय सता रहा है इसलिए वे पद से चिपके रहना चाहते हैं? क्या पदमुक्त होकर वे ज़्यादा बड़ी राजनीति कर सकते हैं?