दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक नया कार्ड खेला है और सभी को बता दिया है कि अगर नरेंद्र मोदी सरकार उन्हें जेल में डालना चाहेगी तो वह जेल से ही अपनी सरकार चलाएंगे। यह सिर्फ बीजेपी के लिए एक अप्रत्यक्ष चुनौती नहीं है, बल्कि शायद यह सुनिश्चित करना भी है कि उनकी पार्टी से कोई और दिल्ली के सीएम की कुर्सी पर न बैठे। क्या ऐसी रणनीति उन्हें अपनी ही पार्टी के लोगों से अलग कर सकती है?