जम्मू कश्मीर-लद्दाख बनेंगे केन्द्र शासित प्रदेश। राज्यसभा: कश्मीर का विशेष दर्जा हटाने का संकल्प प्रस्तुत। बीएसपी ने अनुच्छेद 370 हटाने का समर्थन किया। मुफ्ती: आज का दिन भारतीय लोकतंत्र में काला दिन। सत्य हिंदी न्यूज़ बुलेटिन
अनुच्छेद 370, 35ए हटाने की बात करने वाले क्या जानते हैं कि जम्मू-कश्मीर क्या है? जम्मू-कश्मीर की आत्मा क्या है? इसका इतिहास क्या है? हम इस पर पूरी एक सीरीज़ शुरू कर रहे हैं। वरिष्ठ पत्रकार राजेंद्र तिवारी से जानिए कश्मीर को। पेश है इसकी पहली कड़ी।
जम्मू-कश्मीर में एकाएक 10 हज़ार जवान तैनात क्यों किए गए? जम्मू-कश्मीर के नेताओं की प्रतिक्रियाओं से लग रहा है कि केन्द्र सरकार संविधान के अनुच्छेद 370 व अनुच्छेद 35ए को हटाने की तैयारी कर रही है? इसका क्या होगा असर?
अनुच्छेद 35 'ए' व 370 का मामला कोर्ट में है। जम्मू-कश्मीर में एकाएक 10 हज़ार जवान तैनात किए गए। क्या केन्द्र सरकार संविधान के अनुच्छेद 35 'ए' को हटाने की तैयारी कर रही है?
कई लोग मानते हैं कि जम्मू-कश्मीर के शासक महाराजा हरि सिंह ने जब विलय पत्र पर हस्ताक्षर कर दिए, उसके बाद राज्य में जनमतसंग्रह का मुद्दा उठाने की ज़रूरत ही नहीं थी।
अनुच्छद 370 क्या है? इसको किन परिस्थितियों में लाया गया, कितने दिनों के लिए लाया गया था और अब कोर्ट किस आधार पर इसको स्थाई ठहरा रहा है। देखिए सत्य हिंदी की कश्मीर सीरीज़ में
पहले जहाँ भारतीय संसद जम्मू-कश्मीर में 38 विषयों पर क़ानून बना सकती थी, वहीं अब केंद्र के अधिकार वाले 97 विषयों में से 94 विषयों पर जम्मू-कश्मीर के लिए क़ानून बना सकती है। तो क्या अनुच्छेद 370 की कितनी अहमियत रह गई है?
गृहमंत्री अमित शाह ने संसद में हाल ही में अनुच्छेद 370 को हटाने की फिर से बात की है। इससे सवाल उठता है कि क्या इसे हटाया भी जा सकता है या नहीं? देखिए इस पर क्या है क़ानूनी स्थिति, वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष और राकेश कुमार सिन्हा की चर्चा में।
जम्मू कश्मीर में जिस जनमत संग्रह पर विवाद होता है अगर वह 1947-48 में हो जाता तो नतीजा भारत में पक्ष में आने की पूरी संभावना थी। क्यों नहीं हुआ जनमत संग्रह और अनुच्छेद 370 कैसे हुआ प्रभावित?
संसद में गृहमंत्री अमित शाह ने अनुच्छेद 370 और कश्मीर मुद्दे को एक बार फिर से छेड़ दिया है। बीजेपी इस मुद्दे को क्यों हवा देती रही है? क्या है इसके पीछे की पूरी कहानी और इस पर इतना क्यों है विवाद?
संसद में गृहमंत्री अमित शाह ने अनुच्छेद 370 और कश्मीर मुद्दे को एक बार फिर से छेड़ दिया है। तो इस पर इतना क्यों है विवाद? अनुच्छेद 370 और 35ए हटाने से देश और कश्मीर को क्या होगा फ़ायदा? 'प्रभु की टेढ़ी बात' में देखिए प्रभु चावला की क्या है राय।
महाराजा हरि सिंह के विलय पत्र को स्वीकार करते हुए भारत के तत्कालीन गवर्नर जनरल माउंटबैटन ने ऐसा क्या और क्यों कह दिया जिसके लिए बीजेपी और संघ आज तक तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को दोषी ठहराते रहते हैं?
संसद में गृहमंत्री अमित शाह ने कश्मीर मुद्दे के लिए जवाहरलाल नेहरू को ज़िम्मेदार ठहराया और कहा कि संविधान में अनुच्छेद 370 स्थाई नहीं है। अमित शाह की इन बातों में कितनी सचाई है?