क्या हाल है कश्मीर का? वहाँ के लोगों का जीवन कैसा चल रहा है और वे लोग देश के बारे में क्या सोचते हैं। दिल्ली से गई महिलाओं की एक टीम ने वहाँ क्या पाया?
कश्मीर में लंबी पाबंदी से भारत की मुश्किलें बढ़ सकती हैं और कश्मीर मुद्दे के अंतरराष्ट्रीयकरण का ख़तरा बढ़ सकता है। अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी यह कहा जाने लगा है कि कश्मीर में हालात जल्द से जल्द सामान्य किये जाएं।
जम्मू-कश्मीर में पाबंदी लगे 50 दिन से ज़्यादा हो गए, लेकिन लोगों में ख़ौफ़ कम नहीं हुआ है। आख़िर यह परिवारों को डर क्यों लगा रहता है कि कोई घर से बाहर निकले तो वह लौट भी पाएगा या नहीं?
ब्रिटेन के मुख्य विपक्षी दल लेबर पार्टी के सालाना सम्मेलन में प्रस्ताव पारित कर कहा गया है कि भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के मुताबिक़ कश्मीर में जनमत संग्रह कराए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के ह्यूस्टन शहर में हाऊडी मोडी कार्यक्रम में अनुच्छेद 370 में बदलाव करने और जम्मू-कश्मीर को मिला विशेष दर्जा ख़त्म करने की चर्चा की।
अनुच्छेद 370 में फेरबदल के बाद से जम्मू-कश्मीर में लगाई गई पाबंदी और डेढ़ महीने बाद भी हालात बदतर रहने पर क़रीब 500 शिक्षाविदों और वैज्ञानिकों ने गंभीर चिंता जताई है।
अनुच्छेद 370 में बदलाव के बाद से हिरासत में लिए गए लोगों की याचिकाओं पर जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट में क्या तेज़ी दिखाई दे रही है? ये याचिकाएँ हैं हैबियस कॉर्पस यानी बन्दी प्रत्यक्षीकरण की। इनमें 252 गिरफ़्तारियों को चुनौती दी गई है।