कश्मीर के दौरे पर हाल ही में आए यूरोपियन सांसदों यानी एमईपी के दौरे को लेकर एक चौंकाने वाली रिपोर्ट आई है। रिपोर्ट के अनुसार उनकी यात्रा फ़ेक मीडिया और थिंक टैंक से जुड़ी थी।
केंद्र शासित क्षेत्र जम्मू-कश्मीर में कई बदलाव होंगे, नया कश्मीर पुडुचेरी की तरह होगा। यहाँ लेफ़्टीनेंट गवर्नर होंगे, विधानसभा भी होगा और यह केंद्र के अधीन भी काम रहेगा।
जम्मू-कश्मीर के दौरे पर आये यूरोपीय संसद के 27 सदस्यों के प्रतिनिधिमंडल ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस की है। प्रतिनिधिमंडल में शामिल एक सांसद ने कहा है कि आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई में हम सब साथ-साथ हैं।
यूरोपीय संसद के 27 सदस्यों को जम्मू-कश्मीर जाने के लिए निमंत्रित करने और यात्रा आयोजित करने वाला संगठन वूमन्स इकोनॉमिक एंड सोशल थिंक टैंक (डब्लू ई एस टी टी) यानी वेस्ट विवादों में हैं।
यूरोपीय सांसदों को जम्मू-कश्मीर का दौरा क्यों कराया गया? इससे फ़ायदा तो नहीं होता दिख रहा है, लेकिन नुक़सान ज़बरदस्त होता दिख रहा है। तो मोदी सरकार को किसने दिया ऐसा सुझाव? क्या कोई जानबूझकर प्रधानमंत्री मोदी की छवि को नुक़सान पहुँचाना चाहता है? सत्य हिंदी पर देखिए आशुतोष की बात।