कश्मीर में गुरुवार को एक बैंक मैनेजर की गोली मारकर हत्या कर दी गयी। एक दिन पहले एक शिक्षिका को मार दिया गया था। कश्मीरी पंडित निशाने पर हैं। आख़िर 2019 में अनुच्छेद 370 में बदलाव के बाद टारगेट किलिंग की घटनाएँ क्यों बढ़ीं?
कश्मीर से जुड़ी वैसे तो कई 'फाइलें' हैं, लेकिन क्या आपको वह 'फाइल' याद है जो 5 अगस्त 2019 को अस्तित्व में आयी थी? क्या आपको पता है कि क़रीब ढाई साल में सुप्रीम कोर्ट में वह 'फ़ाइल' कहां पहुँची?
5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 हटने के बाद से क्या जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमले कम हुए हैं और केंद्र शासित प्रदेश में शांति आ गई है? जानिए, आँकड़े क्या कहते हैं।
महबूबा मुफ्ती ने अफ़ग़ानिस्तान के हालात और जम्मू कश्मीर के अनुच्छेद 370 को लेकर दिए बयान को लेकर विवादों में फँस गई हैं। उनके इस बयान पर बीजेपी ने कड़ी आपत्ति जताई है।
पाँच अगस्त 2019 को लोकसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने और उसे राज्य से केन्द्र शासित प्रदेश में बदलने का ऐलान किया था। अब आज क्या बदल गया है कश्मीर में?
आपातकाल की 46वीं वर्षगाँठ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का छोटा सा ट्विटर संदेश ख़ासा दिलचस्प तो है ही राजनीतिकअंतर्विरोध की ज़बरदस्त गुत्थियों में उलझा हुआ भी है। उनकी यह टिप्पणी कश्मीर के संदर्भ में कैसे मायने रखता है?
कश्मीर में जिन तत्वों ने अनुच्छेद 370 में बदलाव का पूरी तरह से विरोध किया था, और कर रहे हैं, आज वही तत्व घाटी में भारी मत से जीत कर आये हैं। कश्मीर घाटी के दस ज़िलों में से नौ में गुपकार गठबंधन का क़ब्ज़ा होगा।
मोदी सरकार ने अनुच्छेद 370 और 35ए को निरस्त करने के समय कहा था कि यह जम्मू और कश्मीर के विकास के नए युग की शुरुआत करेगा। लेकिन 5 अगस्त 2019 के बाद कश्मीर और कश्मीर के लोगों की विकट स्थिति है।
बीजेपी नेता मनोज सिन्हा जम्मू-कश्मीर के नए उपराज्यपाल बनाए गए हैं। मगर सवाल उठता है कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके सिपहसालारों के पास कोई स्पष्ट रोड मैप नहीं है तो वे क्या कर पाएँगे? वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट