दिल्ली में दंगों के दौरान दंगाई खुलकर अपने काम को अंजाम देते रहे। दंगों में कई लोगों की मौत हो गई, घरों-दुकानों-गाड़ियों में आग लगा दी गई। दंगों के लिये कौन जिम्मेदार है, इस पर सरकार व प्रशासन पूरी तरह चुप है।
नागरिकता संशोधन क़ानून के समर्थकों और विरोधियों के बीच हो रही हिंसा के कारण दिल्ली में 11 लोगों की मौत हो चुकी है और 150 से ज़्यादा लोग घायल हैं। जब दिल्ली में हिंसा हो रही थी तो केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह अहमदाबाद में क्या कर रहे थे। उन्होंने फौरन दिल्ली आकर हालात को संभालने की कोशिश क्यों नहीं की। अगर वह ऐसा करते तो हिंसा रुक सकती थी। सुनिये, क्या कहा वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष ने।